चीन सीमा से जोड़ने वाले उत्तराखंड के चार पुल आज से चालू हो जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका लोकार्पण कर रहे हैं। चीन से टेंशन के बीच रक्षा मंत्री सेना प्रमुख के साथ तीन दिन के लेह-लद्दाख के दौरे पर हैं। वह कई अहम बैठकों में भी शामिल हो रहे हैं।
पहले डोकलाम और बाद में पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकतों को देखते हुए मोदी सरकार बॉर्डर के आसपास इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर जोर दे रही है। इसी के मद्देनजर कश्मीर हो, उत्तराखंड या अरुणाचल प्रदेश चीन से लगती सीमा पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड में चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़कों पर बनाए गए चार पुलों का लोकार्पण कर रहे हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह कार्यक्रम होगा। एक स्पान पुल है जबकि तीन बैली ब्रिज हैं। सामरिक लिहाज से देखें तो ये पुल चीन सीमा तक भारतीय सेना के जल्दी पहुंचने पर मददगार होंगे। दरअसल, चीन भी बॉर्डर के उस पर तेजी से सड़कें बना रहा है। अक्सर युद्धाभ्यास और बड़े सैनिक जमावड़े की खबरें आती हैं। ऐसे में सेना ने भी अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद रखा है।
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नए पुल कौन से
1- जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर जौनालीगाड़ में 6.5 करोड़ रुपये की लागत से 70 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण किया गया है।
2- तवाघाट-घटियाबगड़ मार्ग पर जुंतीगाड़ में 140 फीट ट्रिपल सिंगल रीइंसफोर्स्ड बैली ब्रिज।
3- जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर किरकुटिया नाले पर 180 फीट डबल-डबल रीइंसफोर्स्ड बैली ब्रिज
4- मुनस्यारी- बोगडियार-मिलम मोटर मार्ग पर लास्पा नाले पर 140 फीट डबल-डबल रीइंसफोर्स्ड बैली ब्रिज का निर्माण
इन पुलों के शुरू होने से आम लोगों को भी फायदा होगा। साथ ही चीन के साथ किसी भी तनातनी के समय सेना और जंगी साजोसामान कम समय में बॉर्डर पर लाए जा सकेंगे।
रक्षा मंत्री इस समय लेह के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने लेह, लद्दाख में तैनात शीर्ष अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से अहम बैठक की।
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