कोरोना से जंग के सिपाही यानी डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट काफी जरूरी होता है। ऐसे में लोग पैसे दान करने के साथ ही किट भी खरीदकर सरकार को दे रहे हैं जिससे कोरोना मरीजों के इलाज में दिन-रात जुटे डॉक्टरों को सुरक्षित रखने में सरकार के प्रयासों में सहयोग किया जा सके। उत्तराखंड के इस शख्स ने मिसाल कायम की है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक अपने-अपने तरीके से योगदान कर रहा है। बच्चों ने गुल्लक फोड़ी, बुजुर्गों ने जीवनभर की बचत दान की, कर्मचारियों ने अपने वेतन का एक हिस्सा देश के नाम कर दिया। उत्तराखंड के लोग भी बढ़-चढ़कर प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद कर रहे हैं। इस बीच विदेश से लौटे एक उत्तराखंडी ने मिसाल पेश की है।
अर्जेंटीना से देहरादून लौटे दुष्यंत डोभाल ने कोरोना योद्धाओं के लिए 25 पीपीई किट दान किया है। उन्होंने बाकायदे मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर दान करने का अनुरोध किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं स्वेच्छा से 25 पीपीई किट दान में देना चाहता हूं। आशा करता हूं कि यह सहयोग प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स को सहायता प्रदान करेगा।’ जन मानस सेवा संस्थान के सहयोग से यह दान किया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही कुछ और प्रवासी उत्तराखंडी कोरोना से जंग में अपना योगदान करेंगे।
क्या होता है पीपीई किट
पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। यह कुछ इस तरह का सामान होता है जो संक्रमण से बचाता है। इसे आसान भाषा में इस तरह से समझें कि लोग कोरोना से बचने के लिए हाथ धो रहे हैं, मास्क पहन रहे हैं और लोगों से दूरी बना रहे हैं। ऐसे में कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को ज्यादा एहतियात की जरूरत होती है क्योंकि वे लगातार मरीज के आसपास रहते हैं।
ऐसे में इन योद्धाओं डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और यही सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।
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