उद्यान विभाग में हुए घोटाले में सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ऊंचे दामों पर पौध को खरीदकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है।
उद्यान विभाग में हुए करोड़ों के घपले ने उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर से बवाल मचा दिया है जहां एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच आदेशों को बरकरार रखकर उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका दिया है वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्षी नेता उद्यान मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने मांग की है विभाग के ज़िम्मेदार मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद मामले की जांच सीबीआई द्वारा ही की जायेगी।
उद्यान विभाग में हुए घोटाले में सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ऊंचे दामों पर पौध को खरीदकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया है। जहां 35 रुपये की कीवी के पौधे को 275 का खरीदकर बड़ा घोटाला किया गया। जब अधिकारियों द्वारा पौधे की लेन देन में ही ऐसा किया है तो तब और चीजों में भी घपला किया गया होगा।
एसआईटी की रिपोर्ट में कई नाम सामने आए है उधर सामाजिक कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता दीपक करगेती ने कहा कि सरकार एसआईटी की जांच में आने वाले बड़े नामां को उजागर नहीं होने देना चाहती क्योंकि इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते है, जिसके चलते सरकार उच्च न्यायालय के आदेश को चैलेंज करने सर्वोच्च न्यायालय पहुंची। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेशों को बरकरार रखा है जो यही दर्शाता है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी की माने तो यह एक बड़ा भ्रष्टाचार है उद्यान विभाग में करोड़ो का बंदरबांट हुई है और सीबीआई जांच को लेकर उद्यान विभाग का उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाना सरकार को कटघरे में खड़ा कर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि एसआईटी जांच में जिनके नाम सामने आए है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आते ही देहरादून में हलचल तेज हो गई है सरकार की किरकिरी के बाद मंत्री गणेश जोशी ने अधिकरियों की फटकार लगाते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर कार्य करने के आदेश दिए हैं वही विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। मंत्री गणेश जोशी ने मामले पर सफाई दी है उनकी माने तो सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा इसलिए खटखटाया गया क्योंकि संस्था पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं। पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए गणेश जोशी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सीबीआई जांच का है जो भी व्यक्ति दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
अब इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है ऐसे में सीबीआई के हाथ किस किस तक पहुंचते हैं, उन पर किस तरह सीबीआई का शिकंजा कसेगा और कौन-कौन नाम इस जांच में सीबीआई के लपेटे में आएंगे, उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
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