सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के बाहर निकलने का फिलवक्त सभी को इंतजार है। हालांकि, ये इंतजार किसी भी पल खत्म हो सकता है। मजदूरों के बीते बुधवार तक मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार खत्म होने ही वाला था कि एक छोटी सी बाधा ने इस इंतजार और बढ़ा दिया।
लोकेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी
800 एमएम व्यास के ह्यूम पाइप्स मजदूरों तक पहुंचने के बेहद करीब थे, लेकिन मलबे में मोटी सरिया के ऑगर मशीन कटर पर अटकने से पुर्जे ही टूट गए।
ऐसे में अंदर टेक्निकल दिक्कतों को दूर करने के लिए रातों रात दिल्ली से हेली की मदद लेकर एक्सपर्ट बुलाने पड़े और एनडीआरएफ, एसडीआरडीएफ सहित टीएचडीसी के इंजीनियरों की भी मदद ली गई।
गुरूवार को दोपहर में रेस्क्यू कार्य फिर शुरु हुआ और उम्मीद जताई जा रही थी कि देर शाम या आज सुबह तक सभी बाहर आ जाएंगे, लेकिन फिलहाल सुरंग के अंदर से रेस्क्यू कार्य को लेकर कोई खुशखबरी सामने अब तक नहीं आई है।
हालांकि, अधिकारियों और विशेषज्ञों का दावा है कि फिर से छोटी बाधाएं नहीं आती आती है, तो श्रमिकों की निकासी किसी भी पल संभव है। इसी पल के इंतजार में सीएम पुष्कर सिंह धामी मातली में कैंप बनाकर डेरा जमाए हुए हैं। साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी कल से इसी क्षेत्र में जमे हैं।
गुरूवार को आखिरी वक्त पत्रकारों को जानकारी देते हुए रेस्क्यू नोडल अफसर व उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने बताया कि 45 मीटर तक ह्यूम पाइप पुश किए जाने के बाद बाधा उत्पन्न हो गई थी और रेस्क्यू निरंतर जारी है।
हालांकि इसके बाद से कोई आधिकारिक बयान अब तक रेस्क्यू को लेकर सामने नहीं आया है। देखा जाए तो मजदूरों की चिंता इस वक्त परिजनों ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया को भी है। यही वजह है कि यहां विदेशी मीडिया भी डेरा डालकर सुरंग में चल रहे रेस्क्यू के पल पल की अपडेट ले रहा है।
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