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आपका बैकग्राउंड क्या है, घर में कितने भौतिक संसाधन हैं, आप कितने अमीर हैं, आपके पास कितनी किताबें हैं…. सच मानिए, सफलता के लिए यह सब मायने नहीं रखता है। युवा की चाह, लगन और उसका परिश्रम ही काम आता है। IMA की पासिंग आउट परेड से निकल सेना की वर्दी पहनने वाले दो गुदड़ी के लाल की कहानी यही सिखाती है।
READ MOREउत्तराखंड को सैन्यू भूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता, हर साल बड़ी संख्या में जवान हो या अफसर बड़ी संख्या में यहां के युवा देशसेवा के लिए भर्ती होते हैं। शनिवार को आईएमए में पासिंग आउट परेड थी और यहां से कुल 37 युवा अफसरों ने सेना की वर्दी पहनी। उनके घर, गांव और आसपास के लोग भी गौरव का अनुभव कर रहे हैं। पढ़िए रिपोर्ट
READ MOREकोरोना काल में पूरा एहतियात बरतते हुए अचानक बदले मौसम के बीच देहरादून में IMA के युवा कैडेटों की परेड संपन्न हुई। पासिंग आउट परेड के साथ ही भारतीय थलसेना को 341 युवा अफसर मिल गए। असीम ऊर्जा से लबरेज ये जांबाज अब देशसेवा के लिए मोर्चा संभालेंगे।
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आपका बैकग्राउंड क्या है, घर में कितने भौतिक संसाधन हैं, आप कितने अमीर हैं, आपके पास कितनी किताबें हैं…. सच मानिए, सफलता के लिए यह सब मायने नहीं रखता है। युवा की चाह, लगन और उसका परिश्रम ही काम आता है। IMA की पासिंग आउट परेड से निकल सेना की वर्दी पहनने वाले दो गुदड़ी के लाल की कहानी यही सिखाती है।
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