
हिमालयन रेंज में दरकते पहाड़ों को लेकर लगातार चिंता बढ़ रही है। बादलों का फटना हो या भूस्खलन। पहाड़ों पर मानसून आपदा का मौसम बन जाता है। हाल ही में उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ समेत सभी पर्वतीय इलाकों, हिमाचल के किन्नौर और धर्मशाला से आई तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि प्रकृति अब बेलगाम छेड़छाड़ को बख्शने वाली नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह की आपदाओं को किसी तरह रोका जा सकता है? क्या विज्ञान के पास इनके जवाब हैं? क्या भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं को तकनीक की मदद से टाला जा सकता है?
READ MORE