वैदिक मंत्रोचार, पूजा अर्चना और भोलेनाथ के जयकारों के साथ चतुर्थ केदार रूद्रनाथ मन्दिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए।
समुद्रतल से 11000 फीट ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट प्रातः पूर्ण विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
मुख्य पुजारी द्वारा पूजा अर्चना, वैदिक मंत्रोचार और भोलेनाथ के जयकारों के साथ मन्दिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पल के साक्षी रहे।
इसके साथ ही बाबा की चल विग्रह उत्सह डोली अपने शीतकाल प्रवास गोपीनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई।
आज शाम डोली मोली खर्क और कल गंगोल गांव होते हुए 20 अक्टूबर को शीतकालीन गददी स्थल गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी।
इस बार 10,600 लोगों ने रूद्रनाथ के दर्शन किए।
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