हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली नए साल के पहले दिन जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर तीनों सेनाओं का सर्वोच्च पद संभाला। आर्मी चीफ के पद से रिटायर होने के बाद जनरल रावत की टॉप रैंक पर नियुक्ति
हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली
नए साल के पहले दिन जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर तीनों सेनाओं का सर्वोच्च पद संभाला। आर्मी चीफ के पद से रिटायर होने के बाद जनरल रावत की टॉप रैंक पर नियुक्ति से उत्तराखंड के लोग गदगद हैं। आपको बता दें कि जनरल रावत पौड़ी जिले के सैंण गांव के हैं। 1 जनवरी को दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में जब आधिकारिक तौर पर जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की कमान संभाल रहे थे तो इस ऐतिहासिक मौके पर उनकी पत्नी, बेटी और परिवार के दूसरे सदस्य भी मौजूद थे।
साउथ ब्लॉक में जनरल रावत के मामा रिटायर्ड कर्नल एसपीएस परमार भी पहुंचे थे, जिन्होंने खास बातचीत में देश के पहले सीडीएस की सफलता का राज भी बताया। कर्नल परमार ने कहा कि उन्होंने बचपन से ही जनरल रावत को एक-एक सफलताएं अर्जित करते हुए देखा है। 1 जनवरी को वह पहली बार ऑफिस पहुंचकर जनरल को आशीर्वाद देने आए थे।
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बचपन से मेहनती थे जनरल रावत
रिटायर्ड कर्नल परमार ने कहा, ‘बचपन से ही बिपिन रावत में मैंने देखा है कि वह शिष्ट, आज्ञाकारी होने के साथ ही बहुत कठिन परिश्रम करते थे।’ पिता भी सेना में थे और आज उनके सीडीएस पद पहुंचने के सफर के बारे में पूछे जाने पर जनरल रावत के मामा ने कहा कि बिपिन रावत एक योग्य पिता की योग्य संतान हैं। उन्होंने अपने पिता के बताए रास्तों पर चलकर ही यह सफलता हासिल की।
कर्नल ने कहा कि वह हमेशा जनरल रावत को यही संदेश देते थे कि ईमानदारी से काम करना और मेहनत करना।
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