उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा का चलन 2009-2010 से शुरू हुआ। उस समय सिर्फ चार्टर बेसिस पर ही चारधाम यात्रा होती थी जिसे एक और दो दिन में पूरा किया जाता था। उस समय पूरा हेलीकॉप्टर किराये पर लेना पड़ता था और जिसकी कीमत 6 लाख तक आती थी।
रोहित माथुर, फाउंडर एवं सीईओ, हेरिटेज एविएशन
साल दर साल चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले यात्रियों का रिकार्ड लगातार टूट रहा है। वर्ष 2023 में भी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 40 लाख श्रद्धालु अभी तक यात्रा कर चुके हैं। चारधाम में चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवाओं का भी तकरीबन यही हाल है।
बीते वर्षों में हेलीकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा के टूर पैकेज की लोकप्रियता भी काफी बढ़ी है। उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा का चलन 2009-2010 से शुरू हुआ। उस समय सिर्फ चार्टर बेसिस पर ही चारधाम यात्रा होती थी जिसे एक और दो दिन में पूरा किया जाता था। यानि पूरा हेलीकॉप्टर किराये पर लेना पड़ता था और जिसकी कीमत 5.5 से 6 लाख तक आती थी।
हेरिटेज एविएशन ने भी अपनी एविएशन यात्रा की शुरूआत 2009 से की थी तब हमने गुप्तकाशी के मस्ता गांव में एक हैलीपैड बनवाया ताकि वहां से केदारनाथ धाम को शटल सेवा शुरू की जा सके। वर्ष 2010 में पहली बार हमारे हेलीकॉप्टर ने मस्ता हैलीपैड़ से 4 जून 2010 को केदारनाथ धाम के लिए यात्रियों के साथ उड़ान भरी। 2010 में सिर्फ एक्का दुक्का लोगों ने ही चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। शायद पूरे सीज़न में चारधाम यात्रा के लिए 10 से भी कम चार्टर हुए।
2011 में हमने पहली बार तैयारी करके 1 रात और 2 दिन का चारधाम यात्रा का पैकेज लांच किया। पहली बार हमने 3 हेलीकॉप्टर से चारधाम 2011 में प्रारम्भ की। उस साल हमने 50 से अधिक चारधाम के चार्टर किए। इसका पूरे देश से हमको जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। सबसे ज्यादा यात्री हमें कोलकाता, मुम्बई और गुजरात से मिले। उस साल खरसाली यमुनोत्री और हर्सिल में तो हैलीपैड था लेकिन बद्रीनाथ का हैलीपैड तैयार नहीं हुआ था। तब हम लोग बद्रीनाथ में आर्मी हैलीपैड का इस्तेमाल करते थे और जब उसकी अनुमति नहीं मिलती थी तो गोविंदघाट हैलीपैड में लैंड किया जाता था।
2011 और 2012 में हमने अधिकतर 1 रात और 2 दिन वाला चारधाम का पैकेज ऑपरेट शुरू किया जिसमें रात्रि विश्राम हम हर्सिल में करवाते थे। कभी कभी किसी यात्री की खास डिमांड पर हमने हर्सिल और बद्रीनाथ दोनों जगहों पर रात्रि विश्राम करवाया। इस पैकेज को ऑपरेट करना खासा मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था। उस समय यात्रियों के लिए अच्छे होटलों का अभाव था। दिन में 11-12 बजे के बाद मौसम अक्सर खराब हो जाता था और पायलट ऐसे मौसम में उत्तराखंड की घाटियों में लंबी फ्लांइग के आदि नहीं थे।
2 साल चारधाम यात्रा चलने के बाद हमने प्रमुख तौर पर 2-3 बातें सीखी। पहली ये कि हेलीकॉप्टर से चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और बहुत लोग है जो 5-6 लाख देकर ये यात्रा हेलीकॉप्टर से करना चाहते हैं। दूसरी ये कि हमारे अधिकतर यात्री 60 साल से बड़ी उम्र के थे और 1 रात और 2 दिन के पैकेज में बहुत थक जाते थे और अंत में कई ऐसे यात्री थे जो पूरे चार्टर के बजाय प्रति व्यक्ति के हिसाब से बुक करना चाहते थे।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर पहली बार 2013 में हेरिटेज एविएशन ने चारधाम यात्रा के लिए 4 रात और 5 दिन का पैकेज निकाला। इसमें हमने यात्रियों को हर धाम पर 1-1 रात रूकवाना शुरू किया। इसमें होटल, खाना, वीआईपी दर्शन, स्थानीय परिवहन की व्यवस्था एवं आसपास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा सब कुछ हम ही करवाते थे। जैसे ही हमने इस पैकेज का प्रचार प्रसार शुरू किया तो हमें जबरदस्त रिस्पांस मिला।
2013 में हमको इस पैकेज की रोज़ की फुल बुकिंग मिली लेकिन केदारनाथ में आई आपदा के बाद सब काम रूक गया। 2013-2015 तक यात्रा चल नहीं पाई। 2016 से हमने फिर से जोर शोर से इस पैकेज का खूब प्रचार प्रसार किया जिसमें हमको अच्छी सफलता मिली। 2016-2023 तक चारधाम यात्रा के लिए 4 रात और 5 दिन का पैकेज इतना लोकप्रिय हो गया कि कई दूसरी हेलीकॉप्टर कंपनियों ने भी इसकी शुरूआत कर दी।
2023 में लगभग 15 हेलीकॉप्टर चारधाम यात्रा में लगे थे जिसमें से हेरिटेज एविएशन 4 हेलीकॉप्टर आपरेट कर रहा था। मई-जून 2023 में हेलीकॉप्टर से चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 3,000 के आसपास है। इस समय चारधाम यात्रा का 4 रात और 5 दिन का किराया 1,90,000 प्रति व्यक्ति चल रहा है जिसमें सभी टैक्स और रायल्टी शामिल है।
एक हेलीकॉप्टर से चारधाम यात्रा करवाने पर लगभग 1,60,000 रॉयल्टी एवं लैंडिग शुल्क यूकाड़ा को देने पड़ते हैं। चारधाम यात्रा में जिस तरह से हेली सेवाओं का विकास उत्तराखंड में हुआ है ऐसा भारत में अन्य किसी भी प्रदेश में नहीं है। इसमें काफी श्रेय उत्तराखंड सरकार को भी जाता है जिसने हैलीपैड व अन्य सुविधाओं का निर्माण करवाके हेली सेवाओं को काफी बढ़ावा दिया है।
उत्तराखंड में पर्यटन के लिहाज से चारधाम यात्रा के अलावा और भी हेली सेवाओं के काफी विस्तार की संभावना है। गढ़वाल और कुमाऊं के प्रमुख पर्यटन स्थलों को नियमित हेलीकॉप्टर उड़ानों से जोड़ा जा सकता है।
भारत सरकार की उड़ान योजना के अंर्तगत हेरिटेज एविएशन देहरादून से गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिए नियमित तौर पर 2 उड़ाने 7 सीटर हेलीकॉप्टर से उड़ा रहा है। जल्द ही हम लोग हल्द्वानी से धारचूला के लिए भी नियमित उड़ानों की शुरूआत करेंगे। हेलीकॉप्टर सेवाओं की वजह से उत्तराखंड में काफी उच्च स्तरीय पर्यटक आने लगे हैं।
हाल के वर्षों में देश के प्रमुख उद्योगपति, हॉलीबुड सेलेब्रिटी, क्रिकेट खिलाड़ी और प्रमुख लोग अपनी छुट्टियां बिताने के लिए उत्तराखंड को चुन रहे हैं और हेली सेवाओं का लाभ ले रहे हैं जो कि यहां के लोगों के लिए एक अच्छी बात है।
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