उत्तराखंड में कोरोना के मामलों पर अंकुश लगाने के साथ ही लोगों की रोजी-रोटी, कारोबार आदि को सामान्य स्थिति में लाने के गंभीर प्रयास हो रहे हैं। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। ऐसे में राज्य को आगे बढ़ाने के लिए इसका पटरी पर आना महत्वपूर्ण है इसलिए यह बड़ा फैसला लिया गया है…
कोरोना काल में उत्तराखंड समेत कई राज्यों का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। हालांकि अब सरकारें तेजी से अनलॉक की दिशा में बढ़ रही हैं। इसी क्रम में पर्यटकों को वापस वादियों में बुलाने और इस उद्योग को पटरी पर लाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
जापान, साइप्रस जैसे देशों की तर्ज पर उत्तराखंड में पर्यटन प्रोत्साहन कूपन यानी TIC योजना लागू की गई है। खास बात यह है कि इस योजना को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।
इसके तहत तीन दिनों तक होटल व होम स्टे में रहने पर पर्यटकों को अधिकतम 1000 रुपये या 25 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन कूपन दिए जाएंगे। इस कूपन पर पर्यटकों को होटल और होम स्टे के रूम बिल में छूट का लाभ मिलेगा।
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दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार की कोशिश है कि कोरोना के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए पूरे एहतियात के साथ पर्यटकों को राज्य में बुलाया जाए। इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर टूरिस्ट श्रेणी में अपना पंजीकरण कराना होगा।
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सरकार की ओर से पर्यटकों को तीन दिन ठहरने में दी जाने वाली छूट राशि का भुगतान होटलों और होम स्टे को 15 दिन के भीतर किया जाएगा।
माना जा रहा है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की इस योजना से पर्यटकों के साथ ही होटल और होम स्टे चलाने वालों को भी काफी लाभ होगा। होटल जगत के लोगों ने सरकार की इस योजना का स्वागत किया है।
फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना एक महीने के लिए लागू होगी। पर्यटकों को दी जाने वाली छूट के रूप में 2.70 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। योजना सफल रहती है तो इसे आगे 2 महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
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