लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड में आज हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर बने सस्पेंस को दूर करते हुए दोनों ही सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी ने गढ़वाल सीट पर पूर्व राज्यसभा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को टिकट दिया है तथा हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव लगाया है। वहीं, अभी तक गढ़वाल सीट से पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और हरिद्वार से पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं।
दिल्ली में हुई बीजेपी सीईसी बैठक में हरिद्वार और पौड़ी लोकसभा सीट पर नाम फाइनल कर दिये हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट से रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काटकर उनकी जगह त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया गया है वहीं, पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को मैदान में उतारा है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 को उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री बने थे और 9 मार्च 2021 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था तथा उनकी जगह तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया। त्रिवेंद्र सिंह रावत आरएसएस से आते हैं, उनका संगठन में लंबा अनुभव है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की गिनती राज्य के तेज तर्रार नेताओं में होती है। उनके लगभग चार साल के कार्यकाल में सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा।
वहीं, अगर गढ़वाल लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से तीरथ सिंह रावत का टिकट काटा गया है। उनकी जगह पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को टिकट दिया गया है। अनिल बलूनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी कैंपेन संभाल चुके हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा गया है।
उत्तराखंड के जन सरोकारों को केंद्रीय मंत्रियों तक पहुंचाने में अनिल बलूनी की अहम भूमिका रही है। वह भाजपा में 1993 से सक्रिय हैं। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को अपने पारंपरिक त्यौहारों की ओर फिर से मोड़ने के लिए ‘अपना त्यौहार अपने गांव’ अभियान की शुरूआत की थी। अनिल बलूनी का बीजेपी से जुड़ाव स्कूल के दिनों से रहा है वह दिल्ली विश्वद्यिलय में पढ़ाई के दौरान एबीवीपी से जुड़े रहे हैं।
गौरतलब रहे कि उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटें है। भारतीय जनता पार्टी इस बार भी पांचों सीटों में जीतकर हैट्रिक बनाना चाहती है। वहीं, कांग्रेस ने अभी केवल तीन ही सीटों पर ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है।
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