केदारनाथ धाम को प्लास्टिक मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रशासन और रिसाइकिल कंपनी ने कुछ माह पूर्व से ही केदारनाथ धाम में पानी की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया था। जिसके चलते केदारनाथ धाम में फैल रही प्लास्टिक की बोतलों को एकत्र किया जा रहा है। वहीं जो श्रद्धालु क्यूआर कोड वाली प्लास्टिक की बोतल को वापस करेगें उन्हें बोनस के रूप में 10 रुपये भी दिये जाएंगे।
केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़़ रही है इससे यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। जब यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी तो वे यहां आने पर अपने लिये खाने पीने की चीजें भी लायेंगे जिसमें कुछ चीजें प्लास्टिक की भी होती है जिसमें कुछ पानी की प्लास्टिक की बोतल भी होती हैं। जो कि पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन और रिसाइकिल कंपनी ने बीते लगभग तीन माह पूर्व से ही केदारनाथ धाम में पानी की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया था। जो श्रद्धालु क्यूआर कोड वाली प्लास्टिक की बोतल को वापस करेगें उन्हें बोनस के रूप में 10 रुपये भी दिये जाएंगे।
केदारनाथ धाम को प्लास्टिक मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। जिसके चलते केदारनाथ धाम में फैल रही प्लास्टिक की बोतलों को एकत्र किया जा रहा है। वहीं जो श्रद्धालु क्यूआर कोड वाली प्लास्टिक की बोतल को वापस करेगें उन्हें बोनस के रूप में 10 रुपये भी दिये जाएंगे।
यह अभियान अब केदारनाथ घाटी के सोनप्रयाग, गुप्तकाशी और गौरीकुंड सहित अन्य बाजारों में भी तेजी पकड़ने लग गया है। केदारनाथ घाटी में पर्यावरण के लिए खतरा बन रहे प्लास्टिक की रोकथाम के लिए प्रशासन और रिसाइकिल कंपनी ने बीते लगभग तीन माह पूर्व से ही केदारनाथ धाम में पानी की बोतलों पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया था। जिसे एकत्रित करने की मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम के तहत जो भी श्रद्धालु क्यूआर कोड वाली बोतल इस्तेमाल के बाद वापस लौटाएगा उसे बोनस के रूप में दस रुपये दिये जाएंगे।
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