उत्तराखंड सरकार देश के कोने-कोने में फंसे अपने लोगों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। बसें चलाई गईं, उसके बाद ट्रेनों के जरिए सूरत, बेंगलुरु से लोगों को लाया गया। लेकिन जो लोग दूसरे शहरों से आ रहे हैं उनमें कुछ ऐसे भी हैं जो पॉजिटिव मिल रहे हैं।
स्पेशल ट्रेनों से दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोग अपने घर पहुंचने लगे हैं। इस बीच, राज्य में कोरोना के बढ़ते ग्राफ ने भी टेंशन देना शुरू कर दिया है। बृहस्पतिवार को 10 साल की एक बच्ची समेत छह लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये सभी प्रवासी हैं। इन छह लोगों में से तीन देहरादून और तीन ऊधमसिंहनगर जिले के हैं। पिछले छह दिन में अन्य राज्यों से उत्तराखंड आए 13 लोग संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 80 पहुंच गई है, इनमें से 51 स्वस्थ हो चुके हैं। राज्यभर से 333 नए सैंपल जांच के लिए भेजे गए।
प्रवासियों की वापसी के साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों के मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ाने के आदेश दिए हैं। सभी चेक प्वाइंट पर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार, चिकित्सा विभाग को तैयारी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक 2 लाख से ज्यादा प्रवासियों ने लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। करीब 60 हजार लोग घर लौट भी चुके हैं। राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रवासियों को लाने के साथ-साथ उनका परीक्षण कराना है। अभी तक पहाड़ी जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं थे, लेकिन उत्तरकाशी में एक पॉजिटिव केस आने के बाद ऐहतियात बढ़ा दी गई है।
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देहरादून की बात करें तो यहां एक महिला समेत दो मरीज हाल में दिल्ली से लौटे हैं जबकि एक अन्य पुरुष मरीज मुंबई के गोरेगांव से टैक्सी के माध्यम से वापस आया है। ऊधमसिंह नगर में सामने आए कोरोना संक्रमण से ग्रस्त दो पुरुष मरीज मुंबई के अंधेरी से आए। नई दिल्ली से आई 10 साल की एक बच्ची भी कोरोना से पीड़ित पाई गई है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग वहां से आने वाले लोगों को लेकर काफी सतर्क है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती के मुताबिक, बृहस्पतिवार को 366 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 360 की रिपोर्ट नेगेटिव और छह केस पॉजिटिव मिले हैं। इनमें देहरादून में मसूरी निवासी 36 वर्षीय महिला बच्चों के साथ रिश्तेदारी में दिल्ली गई हुई थी। वह 12 मई को देहरादून लौटी। खटीक मोहल्ला निवासी एक 45 वर्षीय मीट विक्रेता 12 मई को टैक्सी से देहरादून पहुंचा था। इसके अलावा सुंदरवाला निवासी एक 36 वर्षीय युवक मुंबई में नौकरी करता है, उसमें भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह भी 12 तारीख को ही देहरादून पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशारोड़ी चेक पोस्ट पर तीनों के सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजे थे। तीनों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर मसूरी निवासी महिला को बच्चों और परिवार के तीन सदस्यों, मीट विक्रेता और उनकी पत्नी, दो बच्चों और सुंदरवाला, रायपुर निवासी युवक, उसके माता-पिता को राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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प्रदेश का देहरादून जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। लॉकडाउन के कारण बेंगलुरु में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे स्पेशल ट्रेन हरिद्वार पहुंची। यात्रियों ने सामाजिक दूरी का पालन किया और स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई। आगे भी कई शहरों से प्रवासियों के लिए ट्रेन चलाई जा रही हैं।
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प्रवासियों के पॉजिटिव मिलने की खबर से उत्तराखंड हाई कोर्ट भी चिंतित है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि क्या राज्य में लौट रहे लोगों को मेडिकल जांच हो रही है क्योंकि थर्मल स्क्रीनिंग पर्याप्त नहीं है और क्या राज्य में लोगों के लौटने से पहले उनका ऐंटीजन टेस्ट या कोई दूसरा रैपिड टेस्ट किया जा सकता है?
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