देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रहा है। 24 घंटे में देश में रेकॉर्ड 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी समेत देश के 12 राज्यों में हालात काफी गंभीर है। अब देवभूमि उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा है। पढ़िए हालात को बयां करती यह रिपोर्ट
देवभूमि उत्तराखंड में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात अब गंभीर से अति गंभीर होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के नए मामले 5 हजार के करीब आए। राज्य सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं पर संक्रमण की रफ्तार थम नहीं रही है। कंटेनमेंट जोन पर भी विचार किया जा रहा है। अलग-अलग जिले में वहां के हिसाब से रणनीति तैयार की जा रही है।
24 घंटे में कोरोना के रेकॉर्ड केस
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 4807 नए केस आए और 34 लोगों की मौत हो गई। अप्रैल के महीने में आए कोरोना केस का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि कोरोना की दूसरी में युवा ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं पर बुजुर्गों के लिए यह जानलेवा साबित हो रही है।
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जानकार पहले से ही कह रहे हैं कि किसी दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित 60-65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इस बार ऑक्सीजन की जरूरत भी ज्यादा महसूस की जा रही है। इस कारण देशभर में इसकी कमी की खबरें आ रही हैं।
उत्तराखंड के हालात समझिए
पिछले एक महीने में कोरोना के कारण मरने वालों में ज्यादा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं। इम्यून सिस्टम कमजोर होने और पहले से कई बीमारियों से ग्रसित होने को मौत की वजह बताया जा रहा है।
20 मार्च से 20 अप्रैल तक उम्र के हिसाब मौतों का वर्गीकरण करें तो पता चलता है कि 20-29 साल के 5, 30-39 साल के 14, 40-49 साल के 28, 50-59 साल के 38 और 60-69 साल के 56 लोगों की मौत हुई है। 70-79 साल के 52 और 80-89 साल के 20 लोगों की मौत हुई है। 90 साल से ऊपर के 2 लोगों की जान गई है।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कोविड सेंटर बनाए जा रहे हैं या संभावनाएं तलाशी जा रही है। मसूरी में 150 बेड का कोविड सेंटर बन रहा है। दानदाता समूह हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता श्री मंगलाजी से एक हजार बेड का अनुरोध सरकार की ओर से किया गया है।
अगर आपके घर में भी बुजुर्ग और बच्चे हैं तो उनकी ज्यादा केयर कीजिए। मास्क और सामाजिक दूरी का उपाय तो सबको करना है। युवाओं की तुलना में बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। साथ ही उनमें दमा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि की समस्या भी होती है इसलिए उनके जीवन को खतरा ज्यादा रहता है।
उत्तराखंड में अप्रैल के महीने में एक दिन में 3 से लेकर 37 लोगों की मौत हो चुकी है। टीका भी तेजी से लगाया जा रहा है पर बड़ी आबादी का टीकाकरण करने में वक्त लग रहा है। ऐसे में लापरवाही का मतलब खतरा मोल लेना होगा।
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