सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली किसान की बेटी प्रियंका का संघर्ष जानिये…

सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली किसान की बेटी प्रियंका का संघर्ष जानिये…

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती…. परेशानियां तो आती-जाती रहती हैं पर जो उस पर भी अडिग रहता है, मंजिल उसके कदम चूमती है। उत्तराखंड से सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली प्रियंका की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।

संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2019 के नतीजों में उत्तराखंड के कई युवाओं ने बाजी मारी है। इनमें एक नाम है प्रियंका कुमारी का। मंगलवार को आए नतीजों में प्रियंका को 257वीं रैंक मिली है। वह उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव की रहने वाली हैं। वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता खेती करते हैं।

हिल-मेल के साथ विशेष साक्षात्कार में उन्होंने अपनी पढ़ाई, मेहनत और परिणाम को लेकर विस्तार से बातचीत की।

परेशानी लगन से बड़ी नहीं

गांव से निकलकर UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने का प्रियंका का सफर इतना आसान नहीं था। प्रियंका ने बताया, ‘मेरी पढ़ाई के दौरान काफी मुश्किलें आईं पर कोई भी परेशानी लगन से बड़ी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मैंने एक बार फैसला कर लिया था कि करना है तो उसके लिए लगातार जीजान से जुटी रही।’

इंग्लिश मीडियम नहीं थी…

प्रियंका ने कहा कि मैंने पढ़ाई प्राइमरी स्कूल, सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की है। इंग्लिश मीडियम नहीं रही। ऐसी कई परेशानियां आईं लेकिन भीतर से दृढ़ निश्चय कर रखा था तो फिर हर परेशानी छोटी लगने लगी।

भाई-बहनों की भी जिम्मेदारी थी

उन्होंने कहा कि घर में सभी मुझे पढ़ने के लिए बढ़ावा देते थे। गांव में बहुत कम लोग पढ़े-लिखे होते हैं। रामपुर में बस 10वीं तक का स्कूल था। फिर मैं अपने तीन छोटे भाई-बहनों के साथ गोपेश्वर में सेटल हो गई। उनकी पढ़ाई, उनका देखभाल सब कुछ मेरी जिम्मेदारी थी। इसके अलावा जो समय मिलता था, मैं पढ़ लेती थी। अगर इतनी जिम्मेदारी नहीं होती तो शायद यह उपलब्धि मैं पहले ही हासिल कर लेती।

2012 में अपने यहां के DM से मिली तभी लगा…

IAS की परीक्षा में बैठना है, यह कब सोचा? इस पर प्रियंका ने जवाब दिया कि 2012 मैं पहली बार जिले के तत्कालीन डीएम मुरुगेशन सर से मिली थी तो मैंने सोचा था कि हां, मैं थोड़ा मेहनत करूं तो कर सकती हूं लेकिन फिर उसे कंटीन्यू नहीं कर पाई। बाद में 2017 में एक बार परीक्षा देने के लिए ट्राई किया तो चंडीगढ़ सेंटर पड़ा था। मैं अकेले चंडीगढ़ नहीं जा सकती थी इसलिए परीक्षा में शामिल नहीं हुई। बाद में मैंने पेपर देखा तो बहुत टफ सा लगा। बाद में तैयारी के साथ 2019 में परीक्षा दी।

प्रियंका ने लॉ की पढ़ाई की है। उन्होंने इतिहास विषय से आईएएस की परीक्षा पास की है।

असफल युवाओं को संदेश

असफल युवाओं को संदेश देते हुए प्रियंका ने कहा कि अपने कदम पीछे खींचना कोई समाधान नहीं होता है। अगर आपने तय कर लिया है तो पीछे मत हटो। निरंतर प्रयास करते रहो जब तक कि सिलेक्शन न हो। अपना क्वालिटी टाइम दो। कितना पढ़ रहे हैं ये मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि आप कितने घंटे पढ़ रहे हैं ये मायने नहीं रखता बल्कि महत्वपूर्ण वह होता है कि आप उस दौरान क्या पढ़ रहे हैं।

कितना पढ़ती थीं रोज?

एक दिन में कितना पढ़ती थीं? इस सवाल पर प्रियंका ने कहा कि सच बचाऊं तो मैंने कभी काउंट नहीं किया। जब भी मौका मिलता था, पढ़ती थी और पूरी शिद्दत से पढ़ाई की।

प्रियंका ने कहा कि अभी छोटा भाई ही साथ में है। परिवार गांव में है। उन्होंने कहा कि माता-पिता और छोटी बहन से संपर्क नहीं हो पाया क्योंकि वहां नेटवर्क नहीं है। 2 दिन बीत रहे हैं पर गांव बात नहीं हो पाई।

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