उत्तराखंड 31 मार्च तक लॉकडाउन, देश के 75 जिलों में भी बंद

उत्तराखंड 31 मार्च तक लॉकडाउन, देश के 75 जिलों में भी बंद

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी जनता कर्फ्यू के बाद हमने पूरे राज्य में बंद को 31 मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि जरूरी सेवाएं, जैसे दवाएं और खाने की चीजें सभी के लिए उपलब्ध रहेंगी।

कोरोना वायरस के संक्रमण को अगले स्टेज में जाने से रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ हुई लंबी बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में 31 मार्च तक बंद का ऐलान किया। राजस्थान और पंजाब के बाद उत्तराखंड इतना बड़ा ऐहतियाती कदम उठाने वाला तीसरा राज्य बन गया है।

 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी जनता कर्फ्यू के बाद हमने पूरे राज्य में बंद को 31 मार्च तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि जरूरी सेवाएं, जैसे दवाएं और खाने की चीजें सभी के लिए उपलब्ध रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के अंदर और दूसरे राज्यों के लिए संचालित होने वाली बस सेवाओं को भी 31 मार्च तक निलंबित रखने का फैसला किया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों से आवाजाही कम से कम रखने का अनुरोध है। वे इस समय जिन स्थानों पर हैं, वहां से अपने गांव या शहर जाने की जल्दबाजी न करें।

सीएम रावत ने अपने संदेश में कहा, कोरोना से जंग जीतने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। सरकार ने 31 मार्च तक उत्तराखंड में लॉकडाउन घोषित किया है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्ति समस्त राजकीय एवं निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्ट्रियां व सार्वजनिक परिवहन आदि बंद रहेंगे। मैं जनता से अपील करता हूं कि इस महामारी से निपटने के लिए लोग अपने घरों में रहें। जनता की खाद्यान्न और स्वास्थ्य ज़रूरतों का ध्यान रखा जाएगा। जनता से अपील करता हूं कि इस कठिन वक्त में कोरोना को हराने के लिए सरकार के दिशानिर्देशों का स्वतः अनुपालन करें।

इससे पहले कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव के साथ सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक के बाद 75 जिलों में लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया है। इन दौरान यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान पर अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कोविड 19 को फैलने से रोकने की जरूरत को देखते हुए सभी राज्यों के बीच सहमति बनी कि अंतरराज्यीय बस सेवाओं समेत सभी गैर जरूरी यात्री परिवहन सेवाओं पर 31 मार्च, 2020 तक रोक लगाने की तत्काल जरूरत है।

इस बैठक के बाद राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे उन 75 जिलों में जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं को रोकने के लिए उचित आदेश जारी करें, जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है या इसके चलते किसी की जान गई है। राज्य सरकारें रोक वाले जिलों की संख्या स्थिति का आकलन करने के बाद बढ़ा सकती हैं। यहां खास बात यह है कि राजस्थान और पंजाब पहले ही अपने यहां लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं।

किन-किन जिलों में हुआ लॉकडाउन, यहां देखें

31 मार्च तक देश में नहीं चलेंगी यात्री ट्रेनें

 

आज की बैठक में जिन अन्य फैसलों पर सहमति बनी है, उनमें सबसे बड़ा फैसला 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों को रोकने का है। इनमें उपनगरीय रेल सेवाएं शामिल हैं। हालांकि मालगाड़ियों को इस रोक से अलग रखा गया है। देश में सभी जगह 31 मार्च तक के लिए मेट्रो सेवाओं को भी रोक दिया गया है।

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर दो और मरीजों की मौत के बाद भारत में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 6 हो गई है। अभी तक 350 लोगों को कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हुई है। फिलहाल उत्तराखंड में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर है। मैदानी और पहाड़ी सभी इलाकों में बंद है। सड़कें और बाजार सुनसान पड़ें हैं। लोग अपने घरों में रुके हुए हैं।

क्या होता है लॉकडाउन

लॉकडाउन की स्थिति में सभी सरकारी और निजी दफ्तर, फैक्ट्री, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद रहते हैं। हालांकि इस दौरान रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं जैसे दूध, सब्जी और दवाइयों की दुकानें खुली रहती हैं।

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