E-Raibar : कोरोना की दवा में है वक्त, विशेषज्ञों से समझिए बचाव का तरीका

E-Raibar : कोरोना की दवा में है वक्त, विशेषज्ञों से समझिए बचाव का तरीका

जानलेवा कोरोना वायरस के चलते लोग घरों में कैद हैं लेकिन दिन-रात सवाल यही है कि आखिर कोरोना की दवा कब तक आएगी। लोगों की चिंता यह है कि अगर वैक्सीन नहीं है तो कोरोना से कैसे लड़ सकते हैं। देखिए इसी विषय पर ई-रैबार का यह एपिसोड…।

हिल-मेल की पहल ‘ई-रैबार’ में 2 अप्रैल को तीन प्रमुख विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय और तकनीक की भूमिका समझाई। साथ ही कहा कि अभी कोरोना की दवा उपलब्ध होने में समय लगेगा। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है। साथ ही हमें इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। लॉकडाउन की शर्तों का पालन करना बचाव का सबसे आसान तरीका है।

इस चर्चा के दौरान डीआरडीओ प्रमुख के प्रौद्योगिकी सलाहकार संजीव जोशी ने बताया कि कोरोना संकट में DRDO ने कैसे डॉक्टरों और अन्य कोरोना योद्धाओं के इस्तेमाल में आने वाले नए-नए उपकरण विकसित किए हैं।

कोरोना से जंग में DRDO ने बनाए ‘हथियार’

संजीव जोशी (Sanjeev Joshi DRDO) ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमें सैनिटाइजेशन करना होगा, आसपास की चीजों और हर उस जगह को, जिसे हम छूते रहते हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को कोविड-19 मरीजों के बीच रहना पड़ता है उनके लिए खास तरह के मास्क के लिए तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है। इसके लिए DRDO ने शुरुआत में हैंड रब सैनिटाइजर बनाया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के अनुरूप है। एन99 मास्क बनाए गए जिसमें नैनो फाइबर तकनीक का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने दिखाया कि DRDO ने कैसे डॉक्टरों को कोरोना के मरीजों से सुरक्षित करने के लिए फेस मास्क तैयार किए।

 

डॉ. वीके तिवारी बोले, रहने वाला है यह वायरस

सफदरजंग अस्पताल दिल्ली के डॉक्टर विनय कुमार तिवारी (Dr. Vinay Kumar Tiwari) ने बताया कि कोरोना अब हम सबके बीच रहने वाला है। यह नया वायरस है और यह जाएगा नहीं। वायरस का इलाज एंटी वायरल ड्रग्स बनाने में टाइम लगता है और उसका प्रभाव काफी देर से पता चलता है। वायरस का केवल बचाव होता है। इसके लिए हम वैक्सीन बनाते हैं और इसमें भी टाइम लगता है। कोविड-19 बहुत छोटा करीब प्वाइंट 125 माइक्रान का है, यह आंखों से दिखाई नहीं देता है। यह सतह पर ज्यादा देर तक जीवित रहता है और इससे खतरनाक होता है।

वैक्सीन में टाइम है, इम्युनिटी बढ़ाइए…डा. हेमंत  पांडे

कार्यक्रम में पिथौरागढ़ से DIBER के वैज्ञानिक डॉक्टर हेमंत पांडे भी शामिल हुए। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय सुझाए। डॉ. पांडे ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी और वैक्सीन पर काम चल रहा है, अभी इनके बारे में कुछ दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। लिहाजा हमें इम्युनिटी विकसित करनी होगी। अगर इम्युनिटी अच्छी रहेगी तो वायरस का असर नहीं पड़ेगा। इम्युनिटी बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय हैं, संतुलित भोजन खाएं, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फाइबर, प्रोटीन हों और मिनरल्स भी मिलें। एंटी-ऑक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा में होंगे तो यह हमारी इम्युनिटी को बढ़ाएगा।

कोरोना पर जानकारीपरक चर्चा को देखने के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें..

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