हिल मेल ब्यूरो, गैरसैंण उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण बनाने की घोषणा करने के बाद खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भावुक हो गए। दरअसल, सदन से निकलने के बाद वह मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे तभी एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि
हिल मेल ब्यूरो, गैरसैंण
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण बनाने की घोषणा करने के बाद खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भावुक हो गए। दरअसल, सदन से निकलने के बाद वह मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे तभी एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि आप राज्य आंदोलनकारी रहे हैं, आपकी भावनाएं भी जुड़ी रही हैं तो गैरसैंण के राजधानी बनने को आप किस तरह से देखते हैं? सीएम रावत ने कहा कि निश्चित रूप से यह मेरे लिए भावुक क्षण है। इतना कहते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए।
अपने आप को संभालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं देख रहा था कि जब घोषणा की तो कई विधायकों की आंखों से आंसू निकल रहे थे। एक तरह से यह जनभावनाओं का सम्मान है।’ इस पर जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि तो क्या इस घोषणा में देरी हुई तो सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि नहीं, देर नहीं हुई। वास्तव में तमाम व्यवस्थाएं पहले जुटाई जानी चाहिए, जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। सोच-समझकर और दीर्घकालिक सोच के साथ ही उपयुक्त समय पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि जब हम घोषणाएं करते हैं तो जनता को विश्वास दिलाते हैं, जनता की निगाहें हमारी ओर होती हैं इसलिए जनता और जनप्रतिनिधियों का विश्वास बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘आज जब मैंने यह घोषणा की तो रात में मुश्किल से मैं 4-5 घंटे ही सो पाया था। बहुत चिंतन-मनन के बाद यह घोषणा की है।’
उत्तराखंड पर्वतीय राज्य है, पहाड़ में राजधानी यहां के लोगों का सपना रहा है, इसके लिए हम सभी ने संघर्ष भी किया है। इन्हीं जनभावनाओं का सम्मान करते हुए #गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है।
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) March 4, 2020
सीएम ने आगे कहा कि जब मैं 4 बजने में 10 मिनट पहले सदन में प्रवेश किया तबतक किसी को भी इस फैसले की जानकारी नहीं थी। उसके बाद मैंने अपने एक सहयोगी मंत्री को संकेत दिया कि मैं आज कुछ घोषणा करूंगा। मैं समझता हूं कि यह निर्णय दूरस्थ विकास की परिकल्पना, जिसके लिए राज्य बना था, में यह बड़ी सहायता करेगा।
पढ़ें: गैरसैंण के राजधानी बनने की पूरी कहानी
बाद में सीएम ने अपना विडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘मैं समझ सकता हूं कि आज का यह क्षण सभी उत्तराखंडवासियों के लिए भावुक करने वाला है। भावुक होने के साथ-साथ मैं बेहद खुश भी हूं कि सवा करोड़ उत्तराखंडी भाई-बहनों के सपने को साकार करने की दिशा में हमारी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।’
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