उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ख्याति लखनऊ से लेकर दिल्ली और देश विदेशों में फैल रही है। उनको एक कुशल प्रशासक के तौर पर जाना जाता है। उनके कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में लॉ एवं आर्डर काफी अच्छा है और लोग अब अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं।
दिल्ली के अंबेडकर सेंटर में हिल-मेल द्वारा रैबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता और हिल-मेल पत्रिका की प्रबंध निदेशक चेतना नेगी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘योगी रामराज्य’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी, असम राइफल्स के डीजी विकास लखेड़ा एवं पुस्तक की लेखिका चेतना नेगी शामिल थी।
इस अवसर पर पुस्तक की लेखिका चेतना नेगी ने कहा कि जैसा कि पुस्तक के शीर्षक ‘रामराज्य’ से ही स्पष्ट है कि – ‘न्याय का शासन’ अर्थात् जो सबके साथ न्याय करे जो अन्याय को न सहे… तथा समाज के सभी वर्गों का कल्याण, सभी वर्गों का बिना भेदभाव के लोक कल्याणकारी शासन व्यवस्था। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्षों में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल में – अपनी कर्मठ, निर्भीक कार्यशैली से जो शासन व्यवस्था स्थापित की है उस ‘योगी माडल’ की चर्चा पूरे देश दुनिया में हो रही है। आज ‘योगी आदित्यनाथ’ – सुसाशन का प्रयाय बन गए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश को अपनी सांस्कृतिक वैभव के विराट स्वरूप के दर्शन कराए और आधुनिक राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाया है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की आम जनमानस तक सहज सुलभता और विकास के नए कीर्तिमान उस रामराज्य की अवधारणा को प्रदर्शित करते हैं, जिसमें जनकल्याण ही सर्वोपरि है। इन वर्षों के दौरान सत्ता की दृढ़ता, दूरदर्शिता, सजग प्रबंधन, संवेदनशीलता से परिस्थितियां ऐसे परिवर्तित हुई कि उत्तर प्रदेश उद्योगपतियों, पूंजी निवेशकों, कॉरपोरेट सेक्टर का सर्वप्रिय राज्य बन गया है।
रामराज्य की परिकल्पना एक आदर्श व्यवस्था का प्रतीक है। रामराज्य ऐसे क्षेत्र की संपूर्ण परिभाषा है, जहां हर क्रियाकलाप एक दूसरे के सामंजस्य से पूरा होता है। रामराज्य की संकल्पना जनहित और सर्वसमावेशी व्यवस्था पर आधारित है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद महंत योगी आदित्यनाथ ने सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन किए और एक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को मूर्त रूप दिया।
‘रामराज्य’ का सबसे बड़ा आधार है – जनता व सरकार के बीच अटूट विश्वास – जहां पूर्व की सरकारों में भ्रष्टाचार, अपराध, भाई भतीजावाद इत्यादि बुराइयों के कारण राजनेताओं व जनता के बीच अविश्वास की स्थिति रही है। आम जनमानस में सरकार व राजनेताओं के प्रति नकारात्मक भावना थी। वहीं विगत कुछ वर्षों में योगीजी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के शासनकाल में – जनता व शासन के बीच दूरी समाप्त हुई है। सरकार में जनता का विश्वास पैदा हुआ है, समाज का हर वर्ग चाहे – बच्चे, महिलाएं, युवा, व्यापारी, कारोबारी… सभी में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है, जनता में आत्मविश्वास पैदा हुआ है और इस का आधार है – ‘योगी आदित्यनाथ’।
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