एम्स ऋषिकेश में 3 दिनों में 4 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। करीब 80 लोगों को क्वारंटीन किया गया है, जिसमें 6 डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा है कि ये लोग कोरोना की चपेट में कैसे आए, एक रिपोर्ट –
एम्स ऋषिकेश में तीन और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या अब 54 पहुंच गई है। चिंता की बात यह है कि मंगलवार को प्रदेश में कुल तीन मामले आए और तीनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से हैं। इनमें एक स्टाफ नर्स, न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती महिला और एक अन्य मरीज का तीमारदार शामिल है। आपको बता दें कि एम्स ऋषिकेश में ही रविवार को यूरोलॉजी विभाग में एक नर्सिंग ऑफिसर में कोरोना की पुष्टि हुई थी। एम्स के स्टाफ में बड़ी तेजी से कोरोना फैलने की खबर से अस्पताल प्रशासन के साथ पूरे प्रदेश की चिंता बढ़ गई है।
कैसे संक्रमित हो रहा स्टाफ?
मरीजों का इलाज भी जरूरी है और इलाज करने वाले ‘भगवान’ रूपी डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी। हालांकि जिस तरह से स्टाफ संक्रमित और क्वारंटीन किया जा रहा है उससे आगे मुश्किल खड़ी हो सकती है। अब तक करीब 80 लोग क्वारंटीन किए जा चुके हैं। वैसे सरकार की ओर से कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए पीपीई किट का इंतजाम किया गया है लेकिन यह हर व्यक्ति को दे पाना भी मुश्किल है। अस्पताल प्रशासन फिलहाल इस बात की जांच कर रहा है कि स्टाफ कैसे संक्रमित हुआ, जिससे आगे इसे रोका जा सके।
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150 सैंपल रिपोर्ट आनी बाकी
आपको बता दें कि एम्स ऋषिकेश में खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। स्टाफ और कुछ अन्य भर्ती मरीजों समेत कुल 150 सैंपल रिपोर्ट का इंतजार किया ज रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसमें करीब 6 लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं, जिसके बाद उन्हें क्वारंटीन किया गया है। दूसरा पहलू यह भी है कि प्रदेश में सामने आए 54 लोगों में से 34 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।
इस समय सक्रिय मामले 20 ही है, अगर यह न बढ़ें तो पूरे उत्तराखंड के लिए राहत की बात होगी लेकिन जिस तरह एम्स ऋषिकेश में पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं उसने एक नया ‘रेड जोन’ बना दिया है। मंगलवार को कुल 303 रिपोर्ट आई थी, जिसमें 3 पॉजिटिव और 300 निगेटिव आई। बताया जा रहा है कि 6 डॉक्टरों समेत करीब 80 लोग क्वारंटीन किए जा चुके हैं।
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न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती महिला नैनीताल की रहने वाली है। उन्हें 22 अप्रैल को भर्ती किया गया था। 56 वर्षीय महिला को 2 मार्च को ब्रेन स्ट्रोक हुआ। इसके बाद कई अस्पतालों में उनका इलाज चला और फिर 22 को एम्स में भर्ती किया गया। दूसरे स्टाफ को कोरोना कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है। न्यूरो ब्लॉक को एहतियातन क्वारंटीन कर दिया गया है। सभी स्टाफ और मरीजों का ताबड़तोड़ टेस्ट कराया जा रहा है।
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तीन दिन के भीतर चार कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। प्रशासन के सामने अब चुनौती यह है कि अगर ऐसे ही स्टाफ को क्वारंटीन किया गया तो स्टाफ की कमी भी हो सकती है। चिंता की बात यह है कि जितने भी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से किसी की भी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। पहले या दूसरे संपर्कों की जांच होने और क्वारंटीन किए जाने की भी खबर है। ऐसे में अस्पताल में काम करने वाले लोग और उनके परिवार के सदस्यों की बेचैनी बढ़ गई है।
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