उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही सरकार ने टेस्ट की संख्या भी तेजी से बढ़ाई है। जल्द ही हर रोज प्रदेश में 1000 सैंपल के टेस्ट किए जाएंगे। राज्य सरकार ने लोगों को आश्वस्त किया है कि मामले बढ़ सकते हैं लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है।
उत्तराखंड में कोरोना के मामले तेजी से 1000 के आंकड़े की तरफ बढ़ रहे हैं। पहले काफी चिंता मुक्त दिख रहे प्रदेश के लोग अब हर रोज बढ़ते मरीजों से आशंकित हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने लोगों को हालात की जानकारी देते हुए बताया है कि उत्तराखंड में अभी तक सामुदायिक संक्रमण (Community Transmission) नहीं हुआ है। जितने भी केस आ रहे हैं, उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री है या कांटेक्ट के केस हैं। ये सभी पहले से निगरानी में चल रहे थे।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के मुताबिक, पिछले दिनों में कोराना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि उन्होंने यह आशंका जताई है कि अभी कुछ दिन और कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन 10-15 दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आने लगेगी।
राहत की बातें जानिए…
हमारी डबलिंग रेट में पिछले तीन दिन में कुछ सुधार हुआ है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट, राष्ट्रीय औसत से कम है। हमारे यहां कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम है जबकि भारत का औसत लगभग 2.8 प्रतिशत है।
मरीजों की देखभाल के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को भी प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश में 31 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, जहां बहुत सख्त व्यवस्था लागू है।
मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पहले सप्ताह में प्रति दिन सैंपल का औसत 01 था जबकि 16 वें सप्ताह में यह औसत बढ़कर 834 हो गया है। यह जल्द ही 1000 प्रति दिन हो जाएगा।
कहां कितने टेस्ट हो रहे…
मुख्य सचिव के मुताबिक, देहरादून में लगभग 5500 प्रति मिलियन और नैनीताल में 3185 प्रति मिलियन जनसंख्या के टेस्ट किए जा रहे हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। अन्य जिलों में भी टेस्ट बढ़ाए जा रहे हैं। टेस्टिंग (Uttarakhand corona test report) लैब की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि राज्य में कोराना संक्रमित मामलों का विश्लेषण किया जाए तो इनमें 41 प्रतिशत में कोई लक्षण नहीं है, 53 प्रतिशत में बहुत ही मामूली लक्षण हैं, 4.5 प्रतिशत में मध्यम और 1.74 प्रतिशत अधिक लक्षण वाले हैं। स्पष्ट है कि हमारे यहां गम्भीर केस नहीं हैं।
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ज्यादातर इच्छुक प्रवासी लौटे…
मुख्य सचिव ने बताया कि बाहर से प्रदेश में आने के लिए लगभग 2 लाख 62 हजार प्रवासियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, इनमें से 1 लाख 81 हजार लोगों को ट्रेन, बस या निजी वाहनों के माध्यम से लाया जा चुका है। अब लोग आने के लिए कम इच्छुक हैं। 28 मई को 98 हजार बल्क एसएमएस किए गए जिनमें से लगभग 3 हजार लोगों ने ही आने की इच्छा व्यक्त की।
हालात चुनौतीपूर्ण लेकिन…
मुख्य सचिव ने कहा है कि स्थिति चुनौतिपूर्ण है, लेकिन किसी तरह से घबराने या आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है। हमारी पूरी तैयारी है। अनुशासन, धैर्य और साहस से हम जल्द ही प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित कर लेंगे। ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक अधिकारी व कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री स्तर पर स्टेट टास्क फोर्स के साथ रोज समीक्षा की जाती है और परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लिए जाते हैं। कैबिनेट भी नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करती है।
नियमों में दी जा रही ढील
अनलॉक 1 में धीरे-धीरे नियमों में ढील दी जा रही है। बाजार के खुलने के समय को सुबह के 7 बजे से शाम के 7 बजे तक किया गया है। लेकिन कुछ सावधानियां रखनी जरूरी हैं। एक जगह पर भीड़ न करें। सामाजिक दूरी बनाकर रखें, बाहर जाने पर मास्क का अनिवार्यता से प्रयोग करें और हाथों को बार-बार धोएं।
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