सूत्रों के अनुसार, इस झड़प में चीन के 43 जवान भी हताहत हुए हैं। इससे पहले चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पहले पांच जवानों के मारे जाने और 11 के घायल होने की बात कही थी लेकिन बाद में उस खबर को हटा लिया था।
लद्दाख में एलएसी पर गलवान में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं। सेना की ओर से कहा गया है कि गंभीर रूप से घायल 17 सैनिकों को बचाया नहीं जा सका। इससे पहले सेना के एक कर्नल और दो जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई थी। सूत्रों ने बताया कि यह संख्या बढ़ सकती है। इस झड़प में चीन को भी भारी क्षति पहुंची है। एएनआई के मुताबिक, उसके 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इसमें से कुछ की मौत हो गई है और कुछ बुरी तरह जख्मी हुए हैं।
बताया जाता है कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसते हुए धारदार हथियारों से हमला किया। एलएसी पर शहीद जवान 16 बिहार रेजीमेंट और आर्म्ड कोर के बताए जा रहे हैं। चीन की इस कार्रवाई में बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू भी शहीद हो गए हैं। इससे पहले चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पहले पांच जवानों के मारे जाने और 11 के घायल होने की बात कही थी लेकिन बाद में उस खबर को हटा लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और विदेश मंत्री के साथ बैठक की है। बताया जा रहा है सेना जल्द ही सारी स्थिति पर बयान जारी कर सकती है।
At least 20 Indian soldiers killed in the violent face-off with China in Galwan valley in Eastern Ladakh. Casualty numbers could rise: Government Sources pic.twitter.com/PxePv8zGz4
— ANI (@ANI) June 16, 2020
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा कि 6 जून को दोनों देशों के सीनियर कमांडरों के बीच सार्थक बातचीत हुई और सीमा पर विवाद को कम करने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी थी। इसे लागू करने के लिए ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद थी कि विवाद कम करने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन चीन अपनी बात से मुकर गया। उसने गलवान घाटी में एलएसी पर इस सहमति के अनुरूप काम नहीं किया।
15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें दोनों तरफ के जवान हताहत हुए। अगर चीन ने हाई लेवल पर बनी सहमति को पालन किया होता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों देश तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात कर रहे हैं।
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