लॉकडाउन के बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार छीन लिए लेकिन उन लोगों को काफी नुकसान हुआ जिनके आय के निश्चित स्रोत नहीं थे। उत्तराखंड के सुदूर इलाकों में रहने वाले कलाकार भी उनमें से एक है। ऐसे में इन लोक कलाकारों की मदद कर रहा है एक फाउंडेशन…
इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर फाउंडेशन (आईए एंड सी फाउंडेशन) उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले कलाकारों की मदद के लिए आगे आया है। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शन, धार्मिक और सामाजिक समारोहों को रोकने के लिए सख्त कानूनों के कारण ऐसे लोगों के आय के लगभग सभी स्रोत बंद हो गए हैं।
IAC फाउंडेशन ने इन कलाकारों को लॉकडाउन के दिनों में एक ई-मंच (पहाड़ी मंच) प्रदान किया है। फाउंडेशन का विचार सरल और काफी प्रभावी है। उन्होंने सबसे पहले प्रभावित कलाकारों की पहचान की और लॉकडाउन में यात्रा पर प्रतिबंध को देखते हुए उनसे अपने प्रदर्शन के वीडियो शूट करने और भेजने के लिए कहा।
https://www.facebook.com/IncredibleACFoundation/videos/570341917002874/
इन वीडियो को फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया। इन सभी कलाकारों को उनके प्रदर्शन के लिए एक शुल्क का भुगतान किया गया। फाउंडेशन ने समाज के सभी वर्गों से मिले भारी समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया है।
https://www.facebook.com/IncredibleACFoundation/videos/548633172485610/?t=0
आपको बता दें कि आईएसी फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर सामाजिक लाभ के लिए काम करने के लिए एक मिशन के साथ स्थापित किया गया है। कला को एक माध्यम के रूप में उपयोग करना, सामाजिक और सांस्कृतिक संदेशों को फैलाने के लिए विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का पता लगाने और विशेष रूप से युवाओं में शिक्षा और ज्ञान की पहुंच में सुधार करना इसका उद्देश्य है।
भारत की कला और संस्कृति का बड़ा गौरवशाली इतिहास है जिसे दुनियाभर में पहचाना और सराहा जाता है। हालांकि, हमारी प्रतिभा और रचनात्मकता की क्षमता का पता लगाया जाना और विकसित होना बाकी है। लाखों कलाकार हमारे देश में हैं। आईए एंड सी फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में, ऐसे सभी कलाकारों के लिए एक खुला मंच प्रदान कर रहा है और उनकी रचनात्मकता को आजीविका के साथ बनाए रखने में मदद की भी कोशिश है।
लॉकडाउन के दिनों में कोविड 19 ने दुनिया भर में सभी को गंभीरता से प्रभावित किया। इस महामारी का मुकाबला करने का सबसे बड़ा हथियार सामाजिक दूरी है। इस प्रकार, इसने जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया। सभी उद्योगों और व्यवसायों को मजबूरन बंद करना पड़ा। साथ ही सभी सामाजिक और धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
सभी को इस कठोर वास्तविकता का सामना करना पड़ा, लेकिन इसका प्रभाव समाज के उस वर्ग के बीच सबसे ज्यादा है, जिनके पास आय का एक निश्चित स्रोत नहीं था और उन्होंने रोज कमाकर खाना पड़ता है। ऐसे लोगों की वित्तीय, चिकित्सा और शारीरिक मदद देने के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियां सामने आईं। समाज का एक-दूसरे की मदद करना एक प्रशंसनीय कदम है।
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