ICAR की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में उत्तराखंड के पंतनगर स्थित जीबी पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय को पांचवीं, हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को छठी और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज को सातवीं रैंकिंग मिली है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – ICAR ने सर्वश्रेष्ठ कृषि संस्थानों की एक रैंकिंग तैयार की है। इसमें आईसीएआर के पंजाब के करनाल स्थित राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान – NDRI को सबसे बेहतर आंका गया है।
उत्तराखंड के लिए गौरव की बात यह है कि NDRI के निदेशक का जिम्मा पहाड़ के बेटे डा. मनमोहन सिंह चौहान संभाल रहे हैं। डा. चौहान की गिनती देश के शीर्ष पशु विज्ञानियों में होती है। इससे पहले, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के निदेशक रहे डा. मनमोहन सिंह चौहान भारत में जानवरों की क्लोनिंग के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं।
डा. चौहान पहले NDRI में निदेशक बनने से पहले प्रधान वैज्ञानिक (पशु जैव प्रौद्योगिकी) के पद पर भी कार्यरत रहे। गाय, भैंस, याक एवं बकरी से जुड़े अनुसंधान के क्षेत्र में उन्हें काफी ख्याति हासिल है। उन्होंने अनुसंधान के 32 वर्षों में पशुधन कार्यकुशलता के लिए अनेक क्षमतावान जनन जैव प्रौद्योगिकी विकसित की हैं।
ICAR की साल 2019 की रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना और तीसरे नंबर पर ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली को रखा गया है। ICAR ने देश की कुल 67 यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग तैयार की है। ICAR की इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, ईटानगर ने इस सूची में चौथा पायदान हासिल किया है।
ICAR की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में उत्तराखंड के पंतनगर स्थित जीबी पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय को पांचवीं, हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को छठी और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज को सातवीं रैंकिंग मिली है। बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी पटना और पीवी नरसिम्हा रावत तेलंगाना वेटनरी यूनिवर्सिटी हैदराबाद को इस सूची में क्रमशः 66वां और 67वां स्थान मिला है।
Ranking of Agricultural Universities for the Year 2019.#ICAR #AgriculturalUniversities pic.twitter.com/2adr7AqkNC
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) December 5, 2020
पौड़ी गढ़वाल के जामल गांव के रहने वाले
डॉ. मनमोहन सिंह चौहान का जन्म 5 जनवरी, 1960 को पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर के जामल गांव में हुआ। जयहरीखाल से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और बीएससी करने के बाद डा. चौहान ने 1981 में श्रीनगर, गढ़वाल से एमएससी की। पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी जाकर पीएचडी का थीसिस लिखा। मनमोहन सिंह चौहान को 1986 में पीएचडी की डिग्री मिली।
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