उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया के माध्यम से आज प्रदेश की जनता के समक्ष अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को दोहराया। इसके साथ ही महिलाओं और गरीबों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसी दौरान वह अपने परिवार की एक घटना का जिक्र कर भावुक भी हो उठे।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपने चार साल के कार्यों का लेखा-जोखा सामने रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए उनकी सरकार ने मजबूत नींव रखने की कोशिश की है। राज्य के उपलब्ध संसाधनों के आधार पर पैसे का सदुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस चार प्रमुख क्षेत्रों पर है- स्वस्थ उत्तराखंड, सुगम उत्तराखंड, स्वावलंबी उत्तराखंड और सुरक्षित उत्तराखंड।
- स्वस्थ उत्तराखंड
उन्होंने कहा कि अगर आप बजट में देखेंगे तो 2021-22 में हमने पिछले साल की तुलना में 700 करोड़ रुपये ज्यादा आवंटित किए गए हैं। 2500 नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। 2136 डॉक्टर अभी हमारे पास हैं और 763 की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। पर्वतीय अस्पतालों में स्पेशलिएटी लाने के लिए विश्व बैंक की मदद से 200 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 15 साल से अपनी परेशानी का इलाज नहीं करा पा रहे थे क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। अब अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना शुरू होने के बाद उनका इलाज संभव हुआ है। काफी हद तक यह योजना सफल रही है। पहले हम प्रदेश के ही अस्पतालों में इलाज करा पाते थे लेकिन अब देशभर में इलाज कराया जा सकता था।
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— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) March 5, 2021
2 लाख 35 हजार से अधिक लोगों ने इसके तहत अपना उपचार कराया है। इस साल अटल आयुष्मान योजना में 150 करोड़ रुपये की राशि बढ़ाई गई है। 108 आपातकालीन सेवाएं ऐंबुलेंस 271 उपलब्ध है। मातृ मृत्यु दर में गिरावट आई है पहले 201 प्रति लाख थी, जो आज 99 रह गई है।
पहले 50 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होता था, आज यह आंकड़ा 71 प्रतिशत हो गया है। टीकाकरण 87 प्रतिशत था, आज 99 प्रतिशत हो रहा है। बाल पोषण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से चलने वाली योजनाओं के लिए 565 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
2. सुगम उत्तराखंड
सीएम रावत ने बताया कि बिजली, पानी, सड़क की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं। पलायन रोकने के लिए हमने भरसक प्रयास किए हैं। उस पर अध्ययन के साथ ही स्वरोजगार की योजनाएं चलाई हैं। काफी लोगों ने रिवर्स पलायन भी किया है। कनेक्टिविटी के हिसाब से देखें तो 4 साल में ग्रामीण इलाकों में 7431 किमी सड़क निर्माण किया गया है। 16 साल में भी इतनी ही सड़क बनी थी।
इस बार सड़कों के रखरखाव और नवीनीकरण के लिए 385 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मोटरपुलों के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। एयर कनेक्टिविटी के लिए 181 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
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3. स्वावलंबी एवं सुरक्षित उत्तराखंड
शिक्षा के बजट में 300 करोड़ की बढ़ोतरी की है। हर बच्चा स्कूल जाए, बैग और ड्रेस हो, उसके पैर में जूते हों उसके लिए 24 करोड़ की व्यवस्था की गई है। 1 से 8वीं तक के बच्चों को बैग और जूता निशुल्क दिया जाएगा। महिलाओं को पैृतक संपत्ति में खातेदार आ अधिकार दिया गया है। इससे 35 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगे। कृषि में भी 100 करोड़ की बढ़ोतरी की गई है।
सीएम ने इस दौरान अपनी पारिवारिक घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हम 8 भाइयों में एक बहन थी और जब वह भाभी के साथ जंगल में घास काटने जा रही थी तो नदी में दोनों बह गई थीं। ऐसे सैकड़ों केस हर साल सामने आ रहे हैं। नदी पार करते समय, पैर फिसलने के कारण, चट्टान से फिसलने के कारण, पेड़ से गिरने के कारण हादसे होते हैं।
अकेले चमोली जिले में 4-5 साल में 500 से ज्यादा महिलाएं घायल हुई हैं और 62 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से समाज में बड़ा परिवर्तन आएगा। तत्काल इसका असर नहीं होगा, इसके लिए कई व्यवस्थाएं बढ़ानी होंगी।
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