उत्तराखंड में कोरोना केस लगातार बढ़ रहे हैं। अस्थायी कोविड अस्पताल बनाए जा रहे हैं। इस बीच, निजी प्रयोगशालाओं में आरटीपीसीआर टेस्ट महंगा हो गया है। इस टेस्ट से ही पता चलता है कि व्यक्ति कोविड से संक्रमित है या नहीं। किसी सैंपल में वायरस है या नहीं, वायरस होने का पता लगाने के लिए जितनी बार चेन रिएक्शन की साइकिल दोहरानी पड़ती है, वही होती है सीटी वैल्यू।
उत्तराखंड में सरकार ने आरटी-पीसीआर का रेट संशोधित कर दिया है। अब तक निजी प्रयोगशालाओं के लिए 400 और 500 रुपये का रेट था, जिसे तात्कालिक प्रभाव से परिवर्तित किया गया है।
समझिए आपको कितना देना होगा खर्च
1- प्राइवेट अस्पतालों द्वारा प्राइवेट लैब को भेजे गए सैंपल के लिए अब टेस्ट का रेट 700 रुपये हो गया है।
2- घर से लिए गए सैंपल का प्राइवेट लैब में टेस्ट का नया रेट 900 रुपये है।
3- सरकारी अस्पताल से प्राइवेट लैब में भेजे गए सैंपल का रेट 400 रुपये होगा।
इस बाबत उत्तराखंड सरकार के सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देहरादून को पत्र भेज दिया गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही टेस्ट की रफ्तार भी बढ़ी है। सरकारी और निजी दोनों लैब पर काफी दबाव है। इसी वजह से रिपोर्ट आने में भी 4 दिन लग रहे हैं।
इससे पहले सरकार की ओर से 20 जनवरी 2021 को कोरोना संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच के लिए 400 रुपये और 500 रुपये के रेट निर्धारित किए गए थे।
सरकार के ताजा आदेश में कहा गया है कि निजी प्रयोगशालाओं को सभी रिपोर्ट में सीटी वैल्यू अंकित करना अनिवार्य होगा। गुणवत्ता ऑडिट के लिए मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशालाओं के लिए उपलब्ध कराना होगा। परीक्षण के बाद आईसीएमआर के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के अतिरिक्त संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं स्टेट सर्विलांस अधिकारी को रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
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