कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी नहीं है। केरल और महाराष्ट्र के केस चिंता पैदा करने लगे हैं। सरकारें अपने स्तर पर तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। ऐसे में देश के हर शख्स को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कोरोना को फैलने से रोकना होगा लेकिन क्या हम ऐसा कर पा रहे हैं?
जैसे किसी पिंजरे से पक्षी को आजादी मिली हो, कुछ ऐसे ही हिल स्टेशनों पर भागे चले आ रहे हैं लोग। सरकार ने पाबंदियों में थोड़ी ढील क्या दी लोगों ने चैन की बंसी बजानी शुरू कर दी। जी नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आगाह किया है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भीड़भाड़ बढ़ी और लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया तो एक दो महीने में ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
ऐसे में नैनीताल, मसूरी और उत्तराखंड की दूसरी घूमने वाली जगहों पर लोगों की मौज मस्ती गंभीर खतरा पैदा कर रही है। सरकार ने भी साफ कह दिया है कि इस तरह का रवैया कोरोना की अगली लहर को दावत है। हरिद्वार से नैनीताल तक जिस तरह की तफरीह करने वालों की घुमंतू भीड़ आ रही है उससे लग रहा है कि कोरोना विस्फोट होने ही वाला है। पहले लोग डरे हुए थे और अब एकदम से चिंता मुक्त लग रहे हैं, जो कि गलत है।
आलम यह है कि लोगों के लिए घूमना इतना जरूरी हो गया है कि निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट, पंजीकरण, होटल की बुकिंग के चक्कर में इतने ज्यादा लोग सड़क पर आए कि घंटों जाम की स्थिति बनी रही। हाल में झील में मस्ती करते सैकड़ों लोगों की तस्वीर वायरल होने के बाद प्रशासन ने कुछ पाबंदियां जरूर लगाई हैं लेकिन सबसे जरूरी है लोगों का खुद अपने स्तर पर जागरूक होना और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना।
वीकेंड पर पहाड़ों की सैर करने के लिए शुक्रवार से ही नैनीताल, मसूरी में लोग उमड़ पड़े हैं। हाई कोर्ट की सख्ती पर प्रशासन ने निगरानी बढ़ाई है। लेकिन लोग अगर खुद लापरवाही पर उतर आएं तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। शुक्रवार शाम और शनिवार को माल रोड और आसपास के इलाकों में ठसाठस गाड़ियां दिखाई दीं। सैलानियों को सात किमी दूर पार्किंग में गाड़ी लगानी पड़ी।
ऐसे में सवाल यह भी उठने लगे हैं कि क्या मसूरी और नैनीताल में फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ेगा? सोशल मीडिया पर नई डिबेट चल रही है। कुछ लोग पर्यटन सेक्टर के फायदे की भी बात कर रहे हैं लेकिन समझने वाली बात है कि सरकार ने तो इसीलिए छूट दी थी लेकिन बेफिक्र भीड़ आगे के लिए बड़े विकराल हालात की भविष्यवाणी करा रही है।
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पहाड़ों पर कोरोना की फिक्र को उड़ाने वाले ऑक्सीजन संकट के दिनों को याद कर लें, समझ में आ जाएगा कि खतरा कितना बड़ा है और वे खुद कोरोना फैलने की वजह बनते जा रहे हैं।
2 हजार गाड़ियां वापस
इस बीच, मसूरी जा रही 2 हजार गाड़ियों को वापस भेज दिया गया है। लोगों की भीड़ को देखते हुए देहरादून-मसूरी रोड पर पुलिस ने बैरिकेड बढ़ा दिए हैं और चेक करके ही गाड़ियों को आगे जाने दिया जा रहा है।
हरकी पैड़ी पर शनिवार को काफी भीड़ रही। शाम होते-होते पार्किंग फुल हो चुके थे। बेतरतीब गाड़ियां सड़कों के किनारे दिखीं। केंपटी फॉल में सिर्फ 30 मिनट का वक्त तय कर दिया गया है और इस दौरान 50 लोगों को ही परमिशन दी जाएगी।
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