हेमकुंड साहिब की यात्रा 20 मई से शुरू होने वाली है लेकिन इस बार की यात्रा को काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि इस बार हेमकुंड साहिब आने जाने वाले रास्तों में कई फीट बर्फ जमी हुई है।
हेमकुंड साहिब के द्वार श्रद्धालुओं के लिए 20 मई को खुल जायेंगे लेकिन अभी यहां करीब 10 फीट तक बर्फ जमी है। साथ ही आस्था पथ भी बर्फ से ढक गया है।
हालांकि सेना के जवान और हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के सेवादार आस्था पथ से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी और बारिश से रास्ता बनाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हेमकुंड साहिब लगभग 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह अभी बर्फ से लकदक है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर सेना के जवान 20 अप्रैल से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से जवानों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।
जिन जगहों से बर्फ हटाकर रास्ता बनाया गया है वहां फिर से बर्फ पड़ने से रास्ता बंद हो रहा है। ऐसे में जवानों और सेवादारों को दोबारा काम करना पड़ रहा है। सेना के जवानों के साथ ट्रस्ट के सेवादार बर्फ काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं लेकिन मौसम लगातार खराब रहने से वहां काम करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में आजकल खूब बारिश और बर्फबारी हो रही है जिससे यहां पर चारधाम यात्रा में भी असर पड़ रहा है। हेमकुंड साहिब में भी प्रशासन, सेना और सेवादारों द्वारा तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं लेकिन मौसम की वजह से यहां पर काम करने में काफी परेशानी हो रही है।
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