उत्तराखंड में गुलदार के आतंक की घटनाओं में लगतार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के बड़ी मणी गांव के पास जंगल में घास काटने गई महिला को गुलदार ने मार डाला। सूचना मिलने पर राजस्व विभाग और वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। गुलदार के हमले में मृतक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्य करती थी।
उत्तराखंड में गुलदार के आतंक की घटनाओं में लगतार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के बड़ी मणी गांव के पास जंगल में घास काटने गई महिला को गुलदार ने मार डाला। सूचना मिलने पर राजस्व विभाग और वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। गुलदार के हमले में मृतक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्य करती थी।
विकासखंड के बड़ी मणी गांव निवासी सुनीता देवी पत्नी सुंदर लाल उम्र 32 वर्ष गांव के पास घास काटने गई थी। यहां पर गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उसके साथ गई महिलाओं ने शोर मचाया तो गुलदार महिला का शव छोड़कर भाग गया।
घटना से गांव और आसपास के क्षेत्र में दहशत है। गौरतलब रहे कि विकासखंड के गमरी सहित दिचली पट्टी में गत एक माह से गुलदार का आतंक बना हुआ था। कुछ दिन पूर्व गमरी क्षेत्र में गुलदार ने मोटरसाइकिल सवार युवकों पर भी झपटा मारने की कोशिश की थी।
भारत में बाघों और गुलदारों के हमलों से 10 राज्य प्रभावित घोषित किये गये हैं जिनमें उत्तराखंड राज्य महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर तथा कर्नाटक तीसरे स्थान पर आता है। महाराष्ट्र में ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान जैसे कई संरक्षित क्षेत्रों के साथ महाराष्ट्र में बाघों और तेंदुओं दोनों की काफी आबादी है।
मानव-वन्यजीव संघर्षों के लिहाज से सर्वाधिक संवेदनशील राज्यों की सूची में शामिल किया गया है। इसी प्रकार उत्तराखंड में भी बाघों और गुलदारों की भारी संख्या के चलते इस राज्य को दूसरे नम्बर पर रखा गया है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क और नंदा देवी नेशनल पार्क सहित एक बड़े वन क्षेत्र और कई संरक्षित क्षेत्रों के साथ राज्य में जानवरों और मनुष्यों के बीच संघर्ष के मामले अक्सर देखे जाते हैं।
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