रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्वावधान में सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा तथा संबंधित क्षेत्र को शक्ति, पर्यटन एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है। इस विषय पर संसद भवन में एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार में रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने की।
– संसद भवन में आयोजित बैठक में दर्जन भर से अधिक महिला सांसदों ने लिया हिस्सा
– केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा, सीता सखी समिति के अंतर्गत हमारी बहनें इस कार्य का नेतृत्व करेंगी
रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्वावधान में सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा तथा संबंधित क्षेत्र को शक्ति, पर्यटन एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है। इस विषय पर संसद भवन में एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार में रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने की।
इस बैठक में विभिन्न राज्यों से कई महिला सांसदों ने हिस्सा लिया तथा उन्होंने अपने विचार एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत किए। महिला सांसदों ने काउंसिल के इस प्रयास की सराहना की तथा आश्वस्त किया कि जहां भी उनकी आवश्यकता होगी, वह बढ़-चढ़कर इस कार्य में हिस्सा लेंगी और माता सीताजी की भी प्रतिमा की स्थापना की दिशा में हरसंभव प्रयास करेंगी।
बैठक में प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी, सीधी से सांसद रीति पाठक, केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, शिवहर से सांसद रमा देवी, भिण्ड से सांसद संध्या राय, छोटा उदयपुर से सांसद गीताबेन राठवा, भरतपुर से सांसद रंजिता कोली, गुवाहाटी से सांसद क्वीन ओझा, टिहरी गढ़वाल से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, रायगढ़ से सांसद गोमती साय, राजसमंद से सांसद राजकुमारी दिया कुमारी, बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य, राइगंज से देबोश्री चौधुरी, फूलपुर प्रयागराज से सांसद केशरी देवी समेत कई महिला सांसदों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने महिला सांसदों से राजनीति से परे होकर आगे आने की अपील करते हुए कहा कि हमें सीतामढ़ी में इस कार्य को सफल बनाने के लिए एक साथ मिलकर देश की महिलाओं को जागरूक बनाना होगा।
बैठक के दौरान अजय भट्ट ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के लिए 500 वर्षों के संघर्षकाल पर आधारित 1108 पृष्ठ के लिखे जा रहे एक ग्रंथ पर भी चर्चा की, जिसे हिंदी के अलावा 10 अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना है तथा कई देशों में इसका विमोचन किया जाना है।
बैठक के दौरान रामायण रिसर्च काउंसिल के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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