अगर मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो आप कहीं रहकर भी अपने मातृभूमि के लिए कुछ भी काम कर सकते हैं और ऐसा ही काम हमारे उत्तराखंड के कई लोग कर रहे हैं। उनमें से एक दिल्ली पुलिस में एसीपी ललित मोहन नेगी भी हैं जो दिल्ली में रहकर अपने क्षेत्र के लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं।
एसीपी ललित मोहन नेगी लगातार देवभूमि के लोगों के उत्थान के लिए काम करते रहते हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने 30 सितंबर 2023 को जनता इंटर कॉलेज कमलपुर, संगलाकोटी में विद्यालय को 109 सेट छात्र छात्राओं के बैठने हेतु आकर्षक फर्नीचर तथा 02 सेट कंप्यूटर, 01 प्रिंटर, 02 कंप्यूटर टेबल, 02 कंप्यूटर चेयर प्रदान की। अगर आपका अपने गांव और इलाके के प्रति प्यार हो तो आप कही रहकर भी वहां के लोगों की सेवा कर सकते हैं और यह काम दिल्ली पुलिस के स्पेशन क्राइम बांच में कार्यरत ललित मोहन नेगी ने करके दिखाया है।
इस पुण्य कार्य के लिए वहां के लोग एसीपी ललित मोहन नेगी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं और मां शारदे से उनके उज्जवल एवं मंगल भविष्य की कामना करते हैं। उन्हों स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि इस कार्य में सहयोग हेतु मैं अपने विद्यालय की प्रबंध समिति के प्रबंधक मीना ध्यानी, अध्यक्ष उमेश्वर सिंह रावत, कोषाध्यक्ष नरेंद्र ध्यानी एवं हीरा ध्यानी का विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं ललित मोहन नेगी का आजीवन आभारी रहूंगा जिन्होंने मेरे विद्यालय में फर्नीचर की कमी को दूर किया। उन्होंने कहा कि ललित मोहन नेगी के सौजन्य से विद्यालय में कक्षाओं की मरम्मत का कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है।
उत्तराखंड मूल के निवासी एसीपी ललित मोहन नेगी ने दिल्ली पुलिस में रहकर कई एनकाउंटर को अंजाम दिया है। एसीपी ललित मोहन नेगी को इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
उत्तराखंड के निवासी एसीपी ललित मोहन नेगी ने इससे पहले भी कई एनकाउंटर को अंजाम दिया है। उनको इससे पहले 2021 में गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगों की जांच करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की टैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई हिंसा के मामले में यूएपीए और राजद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट एसीपी ललित मोहन नेगी को यूएपीए का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उस दिन किसान आंदोलनकारी काफी उग्र हो गये थे और उन्होंने कई जगह पर तोडफोड़ और हिंसक घटनाएं की थीं।
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