श्री आदिबदरी मंदिर के कपाट मकर संक्रांति के पर्व पर पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजकर 30 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए हैं। परंपराओं के अनुसार मंदिर के कपाट वर्षभर में पौष माह के लिए बंद किए जाते हैं।
मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही सात दिवसीय मेले का भी हुआ शुभारंभ
मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही आदिबदरी में सात दिवसीय श्री आदिबदरी महाभिषेक समारोह तथा शीतकालीन पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेले का भी शुभारंभ हो गया है। मेले का शुभारंभ भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य समीर मिश्रा ने किया।
अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का लेकर भी श्री आदिबदरी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना एवं भजन कीर्तन शुरू हो गए है। मंदिर में मकर संक्रांति के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में पुजारी चक्रधर थपलियाल ने कपाट खुलने के मौके पर अभिषेक पूजा संपन्न करवाई। जिसके बाद भगवान नारायण को भोग और पंच ज्वाला आरती के बाद मंदिर में दर्शनों की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
मंदिर परिसर में सात दिवसीय महाभिषेक समारोह का शुभारंभ कर दिया गया है। इस मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष जगदीश बहुगुणा, महासचिव हिमेन्द्र कुंवर, कोषाध्यक्ष बलवंत भंडारी, आचार्य नागेन्द्र तिवारी, चिंतामणि सेमवाल, प्रताप लूथरा, हरीश ड्यूडी, अरुण मैठाणी, विजयेश नवानी, वीरेंद्र प्रभु, विजय चमोला, नरेश बरमोला और नवीन बहुगुणा मौजूद थे।
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