इस समय देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं तो नेता अलग अलग तरह से बयान दे रहे हैं। कोई नेता पाकिस्तान से एटम बम की धमकी दे रहा है तो कोई देश में संविधान को खतरे में बता रहा है, तो कोई अन्य बात करके वोटरों को अपने पक्ष में करने की बात कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि इस देश में रामभक्त और रामद्रोही हैं। रामभक्त राम मंदिर से उत्साहित हैं तो रामद्रोही नाखुश हैं। रामभक्तों पर गोलियां चलाने वाले यह लोग कहते हैं कि राम मंदिर बेकार है। मोदी का विरोध सिर्फ रामद्रोही और पाकिस्तान ही कर रहे हैं। रामभक्त ही राष्ट्रभक्त हैं। वे भारत के उत्थान के बारे में सोचते हैं तो रामद्रोही पाकिस्तान का राग अलाप रहे हैं। वे कहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ मत बोलो-उसके पास एटम बम है। पाकिस्तान समर्थक रामद्रोही जान लें कि हमारे पास भी एटम बम है, हमारा एटम बम फ्रिज में रखने के लिए नहीं बना है। यह लोग एक तरफ एटम बम की धमकी से भारत के दुश्मनों का उत्साह बढ़ा रहे हैं तो दूसरी तरफ राम मंदिर का विरोध कर राम को अपमानित कर रहे हैं।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-कांग्रेस के खिलाफ कही। वह फैजाबाद के सांसद व भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के लिए दरियाबाद रेलवे स्टेशन के पास मैदान में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस-सपा की नीतियों और नेताओं को खूब धोया। उन्होंने कहा कि रामद्रोही नाखुश हैं। वे कहते हैं कि राम मंदिर बेकार है, यह राम भक्तों पर गोलियां चलाते थे। इनके समय में जन्मभूमि पर आतंकी हमला होता था और आतंकियों पर दायर मुकदमे वापस लिए जाते थे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि रामलला के विराजमान होने में अयोध्या के आमजन का बड़ा योगदान है, क्योंकि आपके वोट के बल पर प्रधानमंत्री मोदी को ताकत मिलती है। विदेशी आक्रांताओं ने हमारी आस्था से खिलवाड़ कर अयोध्या में रामलला के मंदिर को क्षतिग्रस्त कर गुलामी के ढांचे को स्थापित किया था, लेकिन आपके वोट की बदौलत इसे हटाने और मंदिर बनाने की ताकत मिली। 22 जनवरी को जब 500 वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और प्रभु रामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। आपके दर्शन करने से प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद का सर्वाधिक सौभाग्य मुझे और मोदी जी को प्राप्त होता है, क्योंकि आप की दुआ हमें लगती है। अब अयोध्या में लाखों का जनसैलाब दर्शन करने उमड़ रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में शासन की सबसे अच्छी व्यवस्था रामराज्य मानी गई। फिर भी ऐसे कौन लोग थे, जिनकी वजह से रामलला को उनकी जमीन से वंचित किया गया। विडंबना है कि स्वतंत्र भारत में 70 वर्षों तक कहना पड़ा कि अयोध्या धाम राम की जन्मभूमि है। यहां मंदिर बनना चाहिए। हमें प्रमाण और श्रीराम को खुद साक्ष्य जुटाना पड़ा। यह परिस्थिति उन लोगों ने पैदा की, जो राम मंदिर बनने से प्रसन्न नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि के नाम पर बना। गरीबों के लिए बने भोजनालय माता शबरी के नाम पर हैं। आश्रय स्थल निषादराज के नाम पर हैं। विकास के अनेक कार्य हुए। यहां एयरपोर्ट, भव्य रेलवे स्टेशन व फोरलेन-सिक्सलेन सड़के हैं। पहले माफिया हावी होते थे। अब उनका राम नाम सत्य हो रहा है। हमें रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना है तो इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर व विकसित बनाना है।
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