उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां लगातर हो रही बारिश के कारण कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में काली, टनकपुर में शारदा, रामनगर में कोसी, दाबका, रामगंगा, अल्मोड़ा में कोसी, बागेश्वर में सरयू, हल्द्वानी में गौला, नंधौर, कैलाश नदियां उफान पर हैं।
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में लगातार तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। पहाडी क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने नदियों और अन्य जल स्रोतों के जलस्तर को बढा दिया है। प्रशासन ने जल निकायों से दूरी बनाए रखने का एहतियाती परामर्श जारी किया है। सडकों पर कई जगह भू-स्खलन के कारण यातायात बाधित हुआ है। कुमाऊं के इलाके में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है, जिसके कारण इंसानी जिंदगी बुरी तरीके से प्रभावित हुई है। नेशनल हाईवे समेत स्टेट हाईवे और जिलों को जोड़ने वाली सड़कों के साथ ही गांव को जोड़ने वाली छोटी सड़कों का भी बुरा हाल है। कुमाऊं में 100 से ज्यादा सड़क बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड से बंद चल रही हैं।
पिथौरागढ़ में तो एक तरह से भारत-चीन सीमा से संपर्क भी कट गया है, क्योंकि पिथौरागढ़ शहर से इन इलाकों को जोड़ने वाली ज्यादातर सड़कों पर लैंडस्लाइड हुआ है। सड़कों पर हुए लैंडस्लाइड को खोलने के लिए जगह-जगह जेसीबी और पोकलैंड मशीन तैनात की गई है, लेकिन लगातार हो रही बारिश काम करने में दिक्कत पैदा कर रही है। हालात ऐसे हैं कि सोमवार को ऊधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों के डीएम को अपने जिलों में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों को बंद रखने का फैसला लेना पड़ा है। बारिश को देखते हुए स्टेट पुलिस फोर्स के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। एसडीआरएफ की टुकड़ी हर जिले में तैनात की गई है। सरकार की लोगों से अपील है कि वह नदी नालों और गधेरों से दूर रहें।
कुमाऊं में पिथौरागढ़ में काली से लेकर टनकपुर में शारदा, रामनगर में कोसी, दाबका, रामगंगा, अल्मोड़ा में कोसी, बागेश्वर में सरयू, हल्द्वानी में गौला, नंधौर, कैलाश नदियां उफान पर हैं। सभी नदियां खतरों के निशान से ऊपर बह रही हैं। सभी नदियों से बड़ी मात्रा में पानी को छोड़ा गया है, जिसके कारण निचले इलाकों में या नदी के किनारे के इलाकों में खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन की लोगों से अपील है कि वह नदी नालों से दूर रहे। कुमाऊं कमिश्नर ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए हैं कि वह निजी तौर पर पूरी स्थिति पर निगाह रखें और कोई भी आपात स्थिति होने पर तुरंत कमिश्नर को सूचित करें। ताकि आपदा प्रबंधन में देरी न हो। डीआईजी कुमाऊं ने भी सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को स्थिति पर निगाह बनाए रखने और लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं।
गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर भी कम हुआ है, जिससे जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन सुचारु रहा। मंडल में 30 के करीब संपर्क मार्ग खोल दिए गए हैं। शासन ने सोमवार से चारधाम यात्रा सुचारु करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के मैदानी इलाकों में वर्षा का दौर जारी है। कुमाऊं मंडल में भी भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले दो मार्ग अब भी बंद हैं। धारचूला-तवाघाट मार्ग पर गुंजी पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है। बीआरओ पुल को बचाने के प्रयास में जुटा है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुमाऊं में 87 सड़कें बंद हैं, जिसमें पिथौरागढ़ जनपद की एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पिथौरागढ़ जनपद में 27, चंपावत जनपद में 23 सड़कें बंद हैं, अल्मोड़ा जनपद में 8, बागेश्वर जनपद में 10 सड़कें बंद हैं, जबकि नैनीताल जनपद की 19 सड़कें बंद हैं।
जारी रिपोर्ट के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग एक सड़क, जबकि बॉर्डर मार्ग की एक सड़क इसके अलावा 25 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इस बंद सड़कों में जिला मार्ग के अलावा ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। डिप्टी कुमाऊं कमिश्नर जीवन सिंह नगन्याल ने बताया की सभी सड़क मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन की टीम सड़कों को खोलने में जुटी हुई है। कुछ जगहों पर बारिश होने के चलते हैं, सड़क खोलने में देरी हो रही है। सड़क खोलने के लिए जेसीबी मशीनों को लगाया गया है और उम्मीद है कि मार्ग खोल दिए जाएंगे।
पिथौरागढ़ के धारचूला के दारमा, व्यास और चौदास घाटी जोड़ने वाली सड़क पांच दिनों से बंद होने से आवाजाही बाधित है। रोंगती एसएसबी पोस्ट के पास सड़क धंस गई है। चीन सीमा पर बसे दारमा, व्यास चौदास घाटी के गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। चंपावत जनपद टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के समीप सड़क पर भारी मलबा आया है। मलबा हटाने के बाद मार्ग पर आवाजाही सुचारू तो हो रही है, लेकिन बार-बार मलबा आने से सड़क बार-बार बंद हो रही है। जिसके चलते चंपावत पिथौरागढ़ मार्ग पर चलने वाले यात्रियों को फजीहत उठाना पड़ रही है।
(लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।)
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *