देहरादून। आम लोगों को डराकर उन्हे डिजिटर अरेस्ट करने झांसा देने वाले मास्टर माइण्ड को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि जीएमएस रोड देहरादून निवासी एक पीडित ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून
देहरादून। आम लोगों को डराकर उन्हे डिजिटर अरेस्ट करने झांसा देने वाले मास्टर माइण्ड को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि जीएमएस रोड देहरादून निवासी एक पीडित ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर आकर तहरीर देकर बताया गया कि उनके मोबाइल नम्बर पर अनजान नम्बर से एक कॉल आयी जिसने स्वयं को डीएचएल कूरियर कंपनी से बताकर कहा कि उनके नाम के पार्सल को मुंबई सीमा शुल्क ने पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और एमडीएमए जैसी अवैध वस्तुओं के कारण जब्त कर लिया है तथा इस कॉल को कथित मुंबई क्राइम ब्रांच अंधेरी से बात करने के लिये कर दिया गया फिर उसे किसी तथाकथित पुलिस वाले से जोड़ा गया, जिसने व्हाट्सएप कॉल कर पार्सल के बारे में पूछताछ की और वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी बनकर 24 घंटे के अन्दर गिरफ्तारी का डर दिखाकर वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी वारंट एवं भारत के सर्वाेच्च न्यायालय का एक नोटिस दिखाया व उसे पूछताछ के लिये मुंबई पुलिस स्टेशन आने अथवा वीडियो कॉल पर ही अपना पक्ष रखने का विकल्प दिया गया। इन लोगों ने शिकायतकर्ता से उसके दिन भर की गतिविधियों की जानकारी ली और उसे कहीं भी यात्रा न करने के लिए भी कहा गया। शिकायतकर्ता ने इनके षडयंत्र में फंसकर जेल जाने के डर से यह बात किसी से साझा नहीं की व गत 30 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 02.00 बजे से 24 घंटे वीडियो व ऑडियो कॉल की निगरानी में डिजिटल रुप से निगरानी में अवरुद्ध रहा। जब तक शिकायतकर्ता को इस घोटाले की जानकारी हुई तब तक इन लोगों ने शिकायतकर्ता को विभिन्न तरीकों से अपने जाल में फंसाकर व बताये गये बैंक खातों में पैसा जमा कराने के लिए डरा धमकाकर मजबूर कर यह बताते हुये कि किसी भी अवैध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए निगरानी खाते हैं और ये 24-48 घंटों में मेरे खाते में वापस कर दिए जाएंगेे। उनसे 32,317,98 लाख रुपये ट्रांसफर कराकर धोखाधडी को अंजाम दे दिया गया। उनसे ट्रांजैक्शन कराने के बाद इन लोगों ने शिकायतकर्ता को यह भी धमकी दी कि उच्च अधिकारी और अधिक जांच करना चाहते हैं और शिकायतकर्ता की सभी संपत्तियों को फ्रीज करा देंगे और सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली के नाम पर 2 दिनों के भीतर 10,50,000 रुपये और मांगे। तब शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि वह इस घोटाले का शिकार हो गया है तथा यह पैसा इस तरह से वापस नहीं आने वाला है। तब शिकायतकर्ता ने पुलिस में घटना की सूचना दी गयी। एसटीएफ ने इस वारदात में शामिल मुख्य आरोपी को चिन्ह्ति किया गया एवं तलाश जारी करते हुये कई स्थानों पर दबिश दी गयी, आरोपी अत्यंत शातिर था और लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। किन्तु आखिरकार साईबर पुलिस टीम ने अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये अभियोग में संलिप्त मुख्य आरोपी दीपक कुमार वर्मा को आजादनगर सूदना, डाल्टगंज शहर, जिला पलामू, झारखण्ड से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से पीड़ित के साथ धोखाधडी में प्रयुक्त बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नंम्बर सहित 2 मोबाईल फोन, सम्बन्धित चेक बुक, आधार कार्ड आदि बरामद हुआ।
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