उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने को अग्रसर सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 8 अप्रैल से 8 मई तक वन व वन्य जीव सुरक्षा माह का आयोजन किया जाएगा। यह अभियान 8 अप्रैल से 8 मई तक प्रतिदिन तीन शिफ्ट में चलाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने को अग्रसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 8 अप्रैल से 8 मई तक वन व वन्य जीव सुरक्षा माह का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत प्रभागों में वन अपराधों पर अंकुश लगाने और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया जाएगा। इसमें वन बल और पुलिस के साथ ही नेपाल सीमा पर एसएसबी आदि सुरक्षा बलों का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही नागरिकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।
तीन शिफ्ट में चलेगा अभियान
प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि यह अभियान 8 अप्रैल से 8 मई तक प्रतिदिन चलेगा। प्रतिदिन तीन शिफ्ट में इस अभियान को चलाया जाएगा। पहली शिफ्ट सुबह छह से दोपहर दो तक, दूसरी दोपहर दो से रात्रि 10 व तीसरी शिफ्ट रात्रि 10 से सुबह छह बजे तक चलेगी। इसके लिए प्रभागों में टीम का गठन किया जा रहा है। यह टीम वन भूमि पर होने वाले अतिक्रमण को भी हटाएगी।
अभियान के नोडल अधिकारी होंगे जोनल/ मंडलीय वन संरक्षक
जोनल/मंडलीय वन संरक्षक अभियान के नोडल अधिकारी होंगे। वे प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष कार्यालय में स्थापित कमांड सेंटर को भेजेंगे। नोडल अधिकारी की देखरेख में आमजन को हरितिमा बढ़ाने के साथ ही वनाग्नि की घटनाओं पर नजर रखने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। अभियान के साथ ही वनाग्नि की घटनाओं को भी न्यूनतम करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।
आमजन को भी किया जाएगा जागरूक
अग्नि नियंत्रण सेल मुख्यालय के नोडल अधिकारी पीपी सिंह ने बताया कि गर्मियों में वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं न हों, सुरक्षा माह में इसके लिए भी आमजन को जागरूक किया जाएगा। आमजन को बताया जाएगा कि जंगलों या वन क्षेत्र में आग की छोटी से छोटी घटनाओं की जानकारी प्रभागीय वनाधिकारी या अग्नि नियंत्रण सेल को दें, जिससे घटनाओं को समय रहते रोका जा सके। आमजन को हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी दी जाएगी।
सुरक्षा माह में यह रहेगा खास
- मुख्यमंत्री की कानून व्यवस्था और जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत वन व वन्य जीव सुरक्षा पर भी रहेगी विशेष निगरानी।
- वन एरिया में अवैध कटान रोकने की विशेष कार्रवाई की जाएगी।
- आरा मशीनों की भी जांच की जाएगी। अवैध पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।
- वन क्षेत्रों के बाहर वन ऊपज के प्रकरणों को रोकने के लिए आकस्मिक चेकिंग भी सुनिश्चित की जाएगी।
- वन अग्नि से जुड़े प्रकरणों पर भी त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
- वन अपराध रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर संगोष्ठी व जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
- पीलीभीत, दुधवा आदि टाइगर रिजर्व के संवेदनशील एरिया में विशेष निगरानी रखी जायेगी। स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) इस पर विशेष नजर रखेगा।
- गर्मियों में जंगल व आसपास के क्षेत्र में वन्यजीवों को जहां सरलता से पानी मुहैया हो, वहां शिकारी सक्रिय न हों, इसलिए गश्त बढ़ाई जाएगी।
- वन अपराध से जुड़े (एच2) लंबित केस का भी विशेष अभियान चलाकर निस्तारण कराया जाएगा।
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