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ग्रामीण स्तर पर चलने वाले हेल्थ सेंटरों की स्थिति छिपी नहीं है। डॉक्टरों की अनिवार्य तैनाती की कमी साफ नजर आती है। महज फॉर्मासिस्ट के भरोसे ये सेंटर चल रहे हैं। निश्चित तौर पर दवाओं की उपलब्धता एक बड़ा कारण हैं। कोविड मेडिसिन का जो अधिकृत इलाज उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से बताया गया है, कई जगह उसकी दवाएं नहीं हैं। दुर्गम इलाकों में कोरोना किट तो पहुंची लेकिन उनमें थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर और कई अहम एंटीबॉयोटिक्स नहीं थे।
READ MOREआरजे काव्य…देवभूमि उत्तराखंड के लिए तीन साल में ही ये एक ऐसा नाम बन गया, जिसे क्या पहाड़ और क्या मैदान, हर जगह भरपूर प्यार मिला। काव्य को उत्तराखंड के लोग परिवार का हिस्सा मानने लगे। आरजे काव्य ने खुद को ‘उत्तर का पुत्तर’ कहा तो लोग उनके फैन बनते चले गए। इसके बाद शुरू हुआ पहाड़ की कला, संस्कृति को रेडियो के जरिये बढ़ावा देने का सिलसिला।
READ MOREमूल रूप से जनरल रावत पौड़ी जिले के सैंण गांव में सैन्य परिवार में जन्मे बिपिन रावत को आज पूरा देश उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दे रहा है। ट्विटर पर #cdsbirthday ट्रेंड कर रहा है। लोग सीडीएस के साहस और पराक्रम की कहानियों की चर्चा कर रहे हैं और उनके पुराने वीडियो शेयर कर अपने तरीके से उन्हें सलाम कर रहे हैं।
READ MOREपीएम नरेंद्र मोदी की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित है पुस्तक। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखी है पुस्तक की प्रस्तावना। लेखक से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया।
READ MOREसीएम के लिए तीरथ सिंह रावत का नाम आगे कर त्रिवेंद्र सिंह ने गुरु-शिष्य परंपरा को बरकरार रखा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही तीरथ सिंह को संघ की शाखा में लाए। तीरथ सिंह संघ की शाखा में त्रिवेंद्र सिंह रावत से चार साल छोटे थे।
READ MOREउत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की कई कहानियां हैं, तीलू रौतेली से लेकर गौरा देवी तक…और पहाड़ की आर्थिक धुरी कहलाने वाली वो महिलाएं जो अपनी जीवटता के चलते मुश्किल हालात में भी पहाड़ जैसी दृढ़ता का प्रतीक हैं…। आज उत्तराखंड में महिलाएं सफलता के नए शिखर छू रही हैं। उत्तराखंड की राज्यपाल एक महिला हैं…। यहां शासन-प्रशासन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। आज महिलाएं स्वरोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप के नई कीर्तिमान गढ़ रही हैं। राजनीति से लेकर समाजसेवा और लगभग हर क्षेत्र में उत्तराखंड की महिलाओं ने नए आयाम स्थापित किए हैं…।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसीपी ललित मोहन नेगी 35 साल की सेवा के बाद आज सेवानिवृत हो रहे हैं वह अभी तक 47 (10 पाकिस्तानी आतंकवादी और 37 अंडरवर्ल्ड/गैंगस्टर) को मौत के घाट उतार चुके हैं।
READ MOREनरेश सजवाण पहले मसूरी में डीआरडीओ में संविदा पर नौकरी करते थे पिता के निधन के बाद उन्होंने गांव में ही स्वरोजगार करने की ठानी और आज वह अपने इस प्रयास में सफल हुए हैं। वह गांव में रहकर ही अच्छी आमदनी कमा रहे हैं और वह यहां के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं।
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