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कुमाऊं में एक ऐसा धाम है जहां देवी को प्रसन्न करने के लिए रक्षाबंधन के दिन चार गांवों के लोग आस्था के रूप में एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसे बगवाल मेला कहा जाता है। वर्ष 2012 तक यहां पर बगवाल पत्थर से खेली जाती थी लेकिन उसके बाद कोर्ट की दखल के बाद अब बगवाल फूलों और फलों द्वारा खेली जाती है।
READ MOREप्रदेश की नारी शक्ति अपने कार्यों व आत्मविश्वास के बल पर आत्मनिर्भर बनकर अन्य को भी आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बना रही है। आज मातृशक्ति हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर अंकित कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चंपावत के बिरगुल क्षेत्र के रामलीला मैदान दुबचौड़ा लधौली में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुये कहीं।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में जोड़ मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के श्री रीठा साहिब पहुचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने श्री रीठा साहिब गुरुद्वारा दरबार मे मत्था टेक कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत के गोरलचोड़ स्थित आडिटोरियम में स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त होंगे उन्होंने इसे चंपावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में बढ़ाया कदम बताते हुए कहा कि यह आदर्श उत्तराखंड के लिये भी अच्छी पहल है।
READ MOREउत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता पूरे राज्य में फैली हुई है कहीं पर ऊचें ऊचें पहाड़ हैं, कहीं पर कल कल करती नदियां और कही पर हमारे पौराणिक मंदिर जिनको देखकर यहां पर आने वाले पर्यटक भारविभोर हो जाते हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र नेपाल सीमा से लगा चंपावत भी हैं जहां पर सुरम्य वादियां हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है, लेकिन यहां पर सुविधा का अभाव एवं पिकनिक स्पाट का विकास सहीं नहीं होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ पा रही है।
READ MOREसीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत में नरसिंह डांडा के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर उनके चित्र में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
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टनकपुर चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला के समीप आ रहा मलवा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह तो एनएच बड़े बड़े बोल्डरों से पटा हुआ था। मौके पर लगी मशीनों के लिए मलवे को हटाना बड़ी चुनौती बन गया है।
READ MOREमेला हमारी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ ही हमारी संस्कृति का भी संवर्धन करता है। पुरानी परंपराओं को निभाने और आगे बढ़ाने की ऊर्जा आने वाली पीढ़ी को मिलती रहनी चाहिए। पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य होना चाहिए।
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