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उत्तरकाशी जिले में स्थित दयारा बुग्याल में पौराणिक और धार्मिक बटर फेस्टिवल पर्यटकों की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान भगवान सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा अर्चना के साथ ग्रामीणों ने प्रकृति के प्रति आभार जताते हुए दूध, मट्ठा और मक्खन की होली खेली। इसके साथ ही ग्रामीणों ने क्षेत्र की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
READ MOREमोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन नई दिल्ली ने 15 अगस्त 2024 को देहरादून नेशनल एकेडमी ऑफ डिफेंस (डी.एन.ए.) के छिद्दर वाला कैम्पस जिला हरिद्वार उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के विषय पर ड्रांइग प्रतियोगिता का आयोजन किया।
READ MOREविश्वविद्यालय में देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा तराई भवन एवं गांधी पार्क में ध्वजारोहण किया गया तथा विद्यार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को देश की सेवा के लिए संकल्प दिलाया।
READ MOREआईटीबीपी के पूर्व एडीजी मनोज सिंह रावत को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। अपर सचिव कर्मेन्द्र सिंह ने राज्यपाल के निर्देश पर मनोज सिंह रावत को सदस्य नियुक्त करने का आदेश जारी किया है।
READ MOREउत्तराखंड साल 2000 में 13 जिलों के साथ अस्तित्व में आया था। 15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने चार नए जिलों के निर्माण की घोषणा की। इनमें उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, पौड़ी में कोटद्वार, अल्मोड़ा में रानीखेत और पिथौरागढ़ में डीडीहाट को नया जिला घोषित किया गया। लेकिन सीएम पद से हटते ही ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
READ MOREजरूरत है हाथों के हुनर और कौशल की जहां लोग पलायन के लिए दूसरे शहरों में जा रहे हैं, उन्होंने अपने हुनर के माध्यम से यह सिद्ध कर दिया कि कि वह अपने कौशल के माध्यम से अपने ही गांव और पहाड़ों में रहकर आज स्वरोजगार से जुड़कर आजीविका का संवर्धन कर सकते हैं।
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24 नवम्बर को आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन सभागार में नि:स्वार्थ सेवाभाव, सद्भाव, सहयोग तथा संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की मानवीय जन सेवाओ के बल निरंतर ख्याति के शिखर पर अग्रसर सामाजिक संस्था ‘उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान’ द्वारा सातवां स्थापना दिवस समारोह बड़े धूमधाम से खचाखच भरे सभागार में मनाया गया।
READ MOREकेदारघाटी में हुए उपचुनाव में भले ही बीजेपी यह सीट जीतने में कामयाब रही हो लेकिन केदारघाटी की जनता भाजपा एवं सरकार से खासी नाराज थी। केदारनाथ यात्रा को डायवर्ट करना, स्थानीय युवाओं को अतिक्रमण के नाम पर बेरोजगार करना केदारघाटी में मुख्य मुद्दा रहा। हालांकि, कांग्रेस ने इसे हर चुनावी सभा में जोर शोर से रखा। लेकिन वे इसे वोट में तब्दील नहीं कर पाए।
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