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संजय गुंज्याल 1997 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी गिनती उत्तराखंड के तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। इस समय वह आईजी आईटीबीपी के पद पर डेपुटेशन पर तैनात हैं। उनका मानना है कि जब आप किसी पद पर होते हैं तो आपकी समाज के प्रति जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि एक छोटा दिखने वाला निर्णय जो एक पुलिस अधिकारी के रूप में लिया जाता है उसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, जो कि लोगों के भाग्य और तकदीर को पूरी तरह से बदल भी सकते हैं।
READ MOREउत्तराखंड के दूर दराज में रह रहे ग्रामीण, योजनाओं की जानकारी के अभाव में उसका लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। इस पुस्तक के ग्राम सभा तक वितरण से उन योजनाओं के लाभ की जानकारी के साथ उनकी पात्रता एवं प्रक्रिया की भी सही एवं सटीक सूचना प्राप्त कर लोग योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
READ MOREउत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विकास के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाये हुए हैं। वह डीएम चमोली से गैरसैंण विकास कार्यो की समय समय पर समीक्षा कर रहे हैं।
READ MOREदेहरादून में असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने असम राइफल्स के भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ एक समागम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं के बारे में जाना और उन समस्याओं का समाधान कैसे किया जाये उस बारे में विचार विमर्श किया।
READ MOREचमोली के रहने वाले आइएफएस अधिकारी आलोक अमिताभ डिमरी को विदेश मंत्रालय में नई जिम्मेदारी मिलेगी, वह अभी ब्रूनेई के राजदूत की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और अब उन्हें विदेश मंत्रालय में अपर सचिव नियुक्त किया गया है और अब जल्द ही उनकी नई पोस्टिंग होगी।
READ MORE38 वें राष्ट्रीय खेलों के समापन से कुछ घंटे पूर्व ही उत्तराखंड ने पदकों का शतक लगाकर इतिहास रच दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। कभी इतने पदक उत्तराखंड की झोली में आकर नहीं गिरे थे।
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इस वर्ष आयोजित होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा-2025 के सम्बन्ध में नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में आयोजित बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा-2025 के सकुशल संचालन के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
READ MOREप्रथम विश्व युद्ध के रणक्षेत्र में गबर सिंह नेगी ने न्यू चेपल की खाई की लगभग 100 पोस्टों को एक-एक करके जर्मन सैनिकों से मुक्त कराया….। उन्होंने अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए शत्रुओं को परास्त किया और भारत का गौरव विश्व पटल पर स्थापित किया।
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