अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों जोरों-शोरों से चल रही हैं। उत्तर से दक्षिण भारत तक के रामभक्त अपने स्थान से ही 5 अगस्त को भूमि पूजन का इंतजार कर रहे हैं। देवभूमि से मंदिर निर्माण के लिए क्या चीजें भेजी गईं है और गंगा जल का मंदिर निर्माण में क्या महत्व है, आइए समझते हैं।
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। देश ही नहीं, विदेशों में बसे राम भक्त भी 5 अगस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण का श्रीगणेश करेंगे। कोरोना काल में समारोह भले ही छोटा हो पर इसे मनाने का जज्बा छोटा नहीं है। देश के पवित्र तीर्थस्थलों से जल, मिट्टी आदि मंदिर निर्माण के लिए भेजा जा रहा है। इस क्रम में उत्तराखंड के चार धाम से भी पवित्र चीजें भेजी गई हैं। हिल-मेल से विशेष बातचीत में गंगोत्री धाम के पुजारी पंडित अशोक कुमार सेमवाल ने इसका महत्व समझाया।
मंदिर में गंगा जल का क्या है महत्व
गंगा जल के महत्व को समझाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान ब्रह्मा जी ने एक बार नारद से कहा कि हे नारद, आपने तीनों लोकों का दर्शन किया है। इनमें सबसे पवित्र पृथ्वी लोक के बैकुंठ का आपने दर्शन नहीं किया। नारद जी ने कहा कि प्रभु मैं तो पूरा घूमकर आ चुका हूं। आखिर वह कौन सा स्थान है जिसका दर्शन अभी तक मैंने नहीं किया है।
इस पर ब्रह्मा जी कहते हैं कि जहां पर राजा भागीरथ ने 5500 वर्षों तक तपस्या की। वह स्थान गंगोत्री है। गंगोत्री का जो गंगाजल है, वह सभी पूजा के लिए महत्व रखता है। वैसे तो सभी नदियों गोदावरी, नर्मदा आदि का जल महत्व रखता है लेकिन उनमें सबसे श्रेष्ठ गंगाजल है। घर में छोटी पूजा भी हो, बिना गंगा जल के पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
लोगों ने मंदिर के लिए आहुति दी….
पंडित जी ने कहा कि यह तो भगवान राम का मंदिर है, जो दशकों के लंबे संघर्ष के बाद बनने जा रहा है। कई लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी आहुति दे दी। ऐसे पुण्य स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए गंगा जल का जाना महत्वपूर्ण है।
भगवान राम ने खुद कहा है…
भगवान राम ने भी कहा है कि जो मनुष्य गंगोत्री से गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाता है या कहीं भी पूजा में इस्तेमाल करता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान राम के पूर्वज राजा भागीरथ ही गंगा को धरती पर लाए तो वह उनकी कुल देवी हुईं। रामेश्वरम में भगवान राम ने खुद कहा था कि जो यहां गंगा जल लाकर चढ़ाएगा उसके दुख खत्म हो जाएंगे। ऐसे भगवान राम का जब स्वयं का मंदिर निर्माण होने जा रहा है तो गंगा जल का इस्तेमाल इसकी भव्यता को बढ़ा देता है।
अब देवभूमि की मिट्टी महत्व जानिए
देवभूमि की मिट्टी का महत्व तो इतना है कि लक्ष्मण जी यहां की मिट्टी के स्पर्श मात्र से ठीक हो गए थे। ऐसे में अयोध्या में मंदिर निर्माण में यहां की पवित्र मिट्टी के इस्तेमाल से वहां का वास्तुदोष एवं अन्य अशुद्धियां दूर हो जाएंगी।
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