मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी, तथा शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर वे स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।
खटीमा, मसूरी, रामपुर तिराहा आदि जगहों पर हुई शहादत से ही उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। शहीदों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड राज्य का विकास करने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने रोजगार, सड़क, शिक्षा आदि को लेकर जो सपने देखे, उन्हें पूरा करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। आने वाले 10 वर्षों में निश्चित रूप से उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। परंतु अनेक राज्य आंदोलनकारी इससे छूट गए हैं। 30 जुलाई 2018 के बाद राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण नहीं किया गया।
राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण के लिए नया शासनादेश जारी किया जाएगा। इसमें 31 दिसम्बर 2021 तक चिन्हिकरण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारी जिन्हें 3100 रूपए पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पत्नी/पति को भी 3100 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आंदोलनकारियों को सेवा से हटाए जाने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी।
उन्होंने कहा कि उद्योगों में नौकरी के लिए राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। राजकीय अस्पतालों की तरह ही मेडिकल कालेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निशुल्क ईलाज सुनिश्चित किया जाएगा। तथा राज्य आंदोलनकारियों की अन्य मांगों पर भी निश्चित रूप से विचार किया जाएगा।
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