नौसेना की स्वदेशीकरण जरूरतों के बारे में सम्मेलन और बिजनेस टू बिजनेस सत्र का आयोजन

नौसेना की स्वदेशीकरण जरूरतों के बारे में सम्मेलन और बिजनेस टू बिजनेस सत्र का आयोजन

‘भारतीय नौसेना की स्वदेशीकरण आवश्यकताओं के बारे में एक संवादमूलक सम्मेलन और बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) सत्र का आयोजन : उद्योगों के लिए अच्छा अवसर’ का आयोजन भारतीय नौसेना ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से फिक्की फेडरेशन हाउस के हरि शंकर सिंघानिया आयोग सभागार में किया गया।

इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, चीफ ऑफ मैटेरियल थे, जिन्होंने मुख्य भाषण दिया। इस सम्मेलन ने उद्योग/एमएसएमई/स्टार्टअप्स को भारतीय नौसेना कर्मियों के साथ बातचीत करने का एक विशेष अवसर प्रदान किया तथा सभी हितधारकों को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अर्जित करने की दिशा में भारतीय नौसेना की स्वदेशीकरण योजनाओं/प्रमुख आवश्यकताओं के बारे में सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

भारतीय नौसेना और उद्योग/एमएसएमई/स्टार्टअप्स के मध्य समर्पित बी2बी विचार-विमर्श का आयोजन किया गया और ‘लक्षित गोलमेज’ चर्चाओं के हिस्से के रूप में नौसेना की प्रमुख स्वदेशीकरण आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की गई।
इस सम्मेलन से भारत सरकार के ’मेक इन इंडिया’ विज़न के अनुरूप स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिला है। इस सम्मेलन में 100 से अधिक उद्योग/एमएसएमई/स्टार्टअप्स शामिल हुए।

कुछ समय पहले ही वाइस एडमिरल नैथानी ने कोयम्बटूर में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भता केंद्र का दौरा किया था और उस समय उन्होंने सीआईएसआर में किए जा रहे स्वदेशीकरण प्रयासों की प्रगति की समीक्षा की थी। उन्होंने आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना की दिशा में पहल हासिल करने की दिशा में सीआईएसआर के प्रयासों की सराहना की।

चीफ ऑफ मैटेरियल ने उद्योग संपर्क के एक भाग के रूप में जनेटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का दौरा किया। वाइस एडमिरल ने भारतीय नौसेना की स्वदेशीकरण आवश्यकताओं और रक्षा क्षेत्र में विचार और सिफारिशों के लिए उद्योगों और शिक्षा जगत की सक्रिय भागीदारी पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की थी।

सरकार की ’आत्मनिर्भर भारत’ और ’मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप, अप्रैल 2022 में कोयंबटूर में दक्षिणी रक्षा गलियारे में भारतीय नौसेना इकाई सीआईएसआर बनाई गई थी।

इकाई स्वदेशीकरण क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न अवसरों को उजागर करने, प्रक्रियाओं को शिक्षित करने और उद्योगों की मदद करने के उद्देश्य से गलियारे में उपलब्ध उद्योगों, फर्मों और विभिन्न विशेषज्ञता के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है। इसमें कहा गया है कि इकाई भारतीय नौसेना में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में सामूहिक प्रयासों पर जोर देती है।

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