लॉकडाउन में उत्तराखंड की महिला कांस्टेबल ने जो किया, हर कोई कर रहा तारीफ

लॉकडाउन में उत्तराखंड की महिला कांस्टेबल ने जो किया, हर कोई कर रहा तारीफ

उत्तराखंड पुलिस ने कोरोना के खिलाफ इस जंग के समय जिस समय से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। हर रोज पुलिस के जवान न सिर्फ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मुस्तैदी से डटे हैं बल्कि सड़क पर और लोगों के घरों तक मदद भी पहुंचा रहे हैं। आज पूरा प्रदेश अपने जवानों को सैल्यूट कर रहा है।

कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्द बयां कर सकती है। लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड से आई यह तस्वीर भी अपनी कहानी खुद बयां कर रही है। कोरोना संकट से पूरा देश प्रभावित है। एक बड़ी आबादी घरों में कैद होने के लिए मजबूर है, जिससे इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हालांकि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धाओं की भूमिका अब शुरू होती है।

जिस वक्त हम अपने घरों में बैठे हैं, अपनी जान जोखिम में डालकर कहीं कोई डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ कोरोना के मरीजों की जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है तो कहीं पुलिस की वर्दी में जवान इस अदृश्य दुश्मन से मुकाबले के लिए डटकर खड़ा है। इस जंग में पुलिस को न सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखनी है बल्कि लोगों की जान बचाने के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी करना है। इतना ही नहीं, उत्तराखंड समेत देशभर में पुलिस के जवान इस मुश्किल घड़ी में गरीबों को रोटी, पानी का भी इंतजाम कर रहे हैं।

कोई घर में अकेला है तो उसके पास दवा लेकर पहुंच रहे हैं। कोई गरीब सड़क के किनारे है तो उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर उसके खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। यह तस्वीर भी पुलिस के इस समर्पण भाव को व्यक्त कर रही है।

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बात देहरादून की है। लॉकडाउन के बीच ड्यूटी पर तैनात Uttarakhand Police की महिला कांस्टेबल सुमन रावत ने देखा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति वॉकर के सहारे सड़क पार करना चाह रहे थे लेकिन उम्र के इस पड़ाव में उनके हाथ-पैर कांप रहे थे। सुमन रावत तुरंत आगे बढ़ीं और उन्होंने बुजुर्ग व्यक्ति से बात की और उन्हें अपनी स्कूटर से सकुशल घर छोड़कर आईं। उत्तराखंड पुलिस के इस व्यवहार की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।

 

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ऐसी न जाने कितनी कहानियां हैं जो हर रोज, हर घंटे देखने सुनने को मिल रही हैं। ये सब आपके, हमारे, हम सबकी जान बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के हर एक व्यक्ति और पूरे देश के लोगों का यह फर्ज है कि घर में रहकर इस अभियान में अपना योगदान करें क्योंकि यह लड़ाई सबके सहयोग से ही जीती जा सकती है।

ऐसी ही एक कहानी चमोली की है। यहां lockdown की हेल्पलाइन पर मदद मांगी गई तो पुलिस के जवान ने राशन पहुंचाया। दरअसल चमोली में सुनील ने हेल्पलाइन को फोन कर बताया कि वह दिल्ली में हैं। गांव में उनके बुजुर्ग माता-पिता हैं। उन्होंने मदद करने की अपील की। पुलिसकर्मियों ने उनके लिए राशन की व्यवस्था कर 2 किमी पैदल चलकर गांव जाकर उन्हें सामग्री दी।

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