रेमडेसिविर का नाम आपने इस कोरोना काल में पिछले एक महीने में खूब सुना होगा। यह एक इंजेक्शन है जो कोरोना के गंभीर मरीजों को दिया जाता है। हालांकि जब केस बढ़ने लगे तो इसकी मांग भी बढ़ गई। लोगों को बाजार में न मिलता तो इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई। कुछ लोगों ने हद पार करते हुए नकली रेमडेसिविर बनाने की फैक्ट्री ही शुरू कर दी थी।
ऐसे वक्त में जब लोग एक दूसरे की मदद करने में जुटे हैं। कहीं ‘सांसों का लंगर’ चल रहा है तो किसी ने अपने ऑटो को ही एंबुलेंस बना लिया है जिससे जरूरतमंद की मदद हो सके, कुछ लोग जान से खिलवाड़ कर इस आपदा में भी मुनाफा काटने का काम कर रहे हैं। ये कैसे लोग हैं जो जान बचाने वाली दवा के नाम पर लोगों को ‘मौत का सामान’ बेच रहे हैं। जी हां, उत्तराखंड में ऐसी ही एक फैक्ट्री पकड़ी गई है।
दिल्ली पुलिस ने कोटद्वार से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली एक फैक्ट्री से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 196 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं। उत्तराखंड में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापेमारी की है।
दुख की बात यह है कि ये लोग पहले ही 2 हजार से ज्यादा नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच चुके हैं। जरा सोचिए, इनके फर्जी इंजेक्शन को जिसने जान बचाने की उम्मीद के तौर पर लिया और इस्तेमाल किया होगा उसके साथ कितना बड़ा धोखा हुआ है।
Crime Branch conducted raids in Haridwar, Roorkee & Kotdwar (Uttarakhand) & busted an illegal factory being used for manufacturing fake Remdesivir injections. 5 people, incl the kingpin, arrested. They used to sell the injections at Rs 25,000 per piece. Raids on: Delhi Police
— ANI (@ANI) April 30, 2021
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली पुलिस को कई सूचनाएं मिली और लंबी जांच के बाद कोटद्वार से 5 लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। यहां फर्जी रेमडेसिविर तैयार की जा रही थी और लोगों से एक इंजेक्शन के बदले 25 हजार रुपये लिए जा रहे थे।
पुलिस ने बताया है कि इन आरोपियों के पास 196 नकली रेमडेसिविर तैयार थी, जिसे जब्त कर लिया गया है। साथ ही फैक्ट्री से पैकिंग मशीन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली 3000 शीशियां बरामद की गई हैं। मौत के इन सौदागरों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि अब तक वे 2 हजार नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं।
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में मरीज तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग भी तेजी से बढ़ी है। इसी डिमांड में लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए इन लोगों ने फर्जी इंजेक्शन तैयार करने का धंधा शुरू कर दिया। देश के कई शहरों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है और ऐसे में लोग औने-पौने दाम देकर इसे ब्लैक मार्केट से भी खरीद रहे हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
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