लोक संस्कृति एवं लोकपरम्पराओं को बढावा देते हैं मेले और कौथिग – सीएम धामी

लोक संस्कृति एवं लोकपरम्पराओं को बढावा देते हैं मेले और कौथिग – सीएम धामी

सदियों से इस महान संस्कृति की महानता के विषय में आम लोगों को जागरूक करने का काम मेले और कौथिग करते रहे हैं। सोमनाथ का यह ऐतिहासिक मेला भी इसी का उदाहरण है। कत्यूरकाल से देवाधिदेव शिव को प्रत्येक गांव से नई फसल भेंट करने की चली आ रही अनूठी परंपरा इस मेले को विशिष्ट बनाती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक सोमनाथ मेला मासी-2023 में प्रतिभाग करते हुए सोमनाथ मेले को 5 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति एवं सभ्यता महान है इसमें निरंतरता है। सदियों से इस महान संस्कृति की महानता के विषय में आम लोगों को जागरूक करने का काम मेले और कौथिग करते रहे हैं। सोमनाथ का यह ऐतिहासिक मेला भी इसी का उदाहरण है। कत्यूरकाल से देवाधिदेव शिव को प्रत्येक गांव से नई फसल भेंट करने की चली आ रही अनूठी परंपरा इस मेले को विशिष्ट बनाती है। हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी ये मेले अहम भूमिका निभाते हैं। मेले हमारे समाज को जोड़ने तथा हमारी प्राचीन संस्कृति और परम्पराओं के बारे में नई पीढ़ी को जागरूक करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने द्वाराहाट विधानसभा के मासी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उच्चीकरण, चौखुटिया स्थित प्रेमपुरी से छित्याड़ी-कोरनी तक मोटर मार्ग का नव निर्माण, चौखुटिया विकासखण्ड के ढौनारीठा चौरा मोटर मार्ग का सुधारीकरण, चौखुटिया से खीड़ा-खाडाखडक-झुमाखेत तक मोटर मार्ग बनाये जाने तथा खराब सड़कों की तत्काल मरम्मत कराये जाने की घोषणा की, मुख्यमंत्री ने गगास भण्डार गांव सिचाई पम्पिंग योजना बनाये जाने तथा भूमिया मंदिर, माहासीर संरक्षण को गति दिये जाने की बात कही। इस अवसर पर बाला गोरिया पुस्तक का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज हमारा देश पुनः ‘विश्व गुरु’ के पद पर आरूढ़ होने की ओर अग्रसर है। आज देश में एक सशक्त नेतृत्व वाली सरकार है जिसके साथ दुनिया का हर देश खड़ा होने को आतुर है। एक ओर जहां आज हम जी-20 जैसे शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता कर रहे हैं वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता के लिए अनेक देश भारत का समर्थन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन उत्तराखण्ड जैसे छोटे प्रदेश को मिलना सौभाग्य की बात है। इसकी एक बैठक रामनगर में सम्पन्न हो चुकी है वहीं दो बैठकें और होनी है जिससे हमारा प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा जिससे यहां की संस्कृति, लोककला एवं खान-पान का प्रसार होगा।

सीएम धामी ने कहा कि आज सनातन संस्कृति का जयघोष चारों दिशाओं में सुनाई दे रहा है। पूरे विश्व में सनातन का परचम लहरा रहा है। आज हमारे मंदिरों और तीर्थ स्थानों को महत्व दिया जा रहा है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का पुनः सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। आज चाहे, राम मंदिर का निर्माण हो, बद्रीनाथ व केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ के गलियारे को बृहद रूप देना हो या राजाधिराज महाकाल के महालोक का निर्माण हो, हमारी धार्मिक-धरोहरों को संरक्षित व संवर्धित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के पुर्ननिर्माण और अस्मिता को बचाने के लिए संकल्पित है। हम गढ़वाल के केदारखंड की भांति ही कुमाऊं में ‘मानसखंड कॉरिडोर’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसके अंर्तगत कुमाऊं क्षेत्र के लगभग सभी प्राचीन मंदिरों का विकास किया जाएगा। हमने अपने एक वर्ष से कुछ अधिक के कार्यकाल के दौरान, हर क्षण यह प्रयास किया है कि समस्याओं और चुनौतियों का समाधान निकाला जाए। इस एक वर्ष के दौरान अपने कार्यों से हमने जनता के विश्वास को और भी अधिक सुदृढ़ करने का कार्य किया है।

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