भारतीय सेना 15 जनवरी 2022 को अपना 74 सेना दिवस को मना रही है। यह दिन 1949 के उस दिन की याद में मनाया जाता है, जिस दिन जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करिअप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ, जनरल सर एफआरआर बूचर से सशस्त्र सेनाओं की कमान संभाली थी और वे स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रथम कमांडर-इन-चीफ बने थे।
भारतीय सेना पिछले 7 दशकों में, एक पेशेवर, गैर-राजनीतिक और मानवीय सेना के रूप में उभरी है और अत्यंत प्रतिकूल और विविध परिस्थितियों में उसकी सेवाओं ने सर्वत्र सम्मान अर्जित किया है। दुनिया की किसी भी सेना को शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे के सियाचिन के तापमान पर और 50 डिग्री के तपते थार मरुस्थल के तापमान पर लड़ने का अनूठा अनुभव हासिल नहीं है। हमारे अफसरों और जवानों को पश्चिम के रेगिस्तानों तथा मैदानी इलाकों में भी और उत्तरपूर्व में घने जंगलों तथा बीहड़ों में भी युद्ध का अनुभव है।
लघु भारत के रूप में विख्यात, भारतीय सेना में सभी प्रांतों, सभी जातीय संस्कृतियों के, तथा अलग-अलग भाषा बोलने वाले अफसर और जवान हैं। वे एक साथ रहते हैं, एक साथ खाते-पीते हैं, और राष्ट्र की अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक साथ युद्ध लड़ते हैं और इस प्रकार ‘‘विविधता में एकता’’ का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। भारतीय सेना में, जहां उत्तर भारत के जवान, मसाला दोसा का आनंद लेते हैं, वहीं दक्षिण भारतीय जवान एक ही रसोई में परांठों को चाव से खाते हैं।
जवानों की धार्मिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, यूनिटों में ‘सर्व धर्म’ मंदिर होते हैं, जहां सभी धर्मों के जवान, अपनी-अपनी आस्थाओं के अनुसार पूजा कर सकते हैं। स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद से जवानों ने सभी लड़ाइयों में सराहना और सम्मान पाया है, वहीं प्राकृतिक तथा आदमी द्वारा उत्पन्न्ा आपदाओं में भी देशवासियों की मदद करके उनका प्यार और आभार अर्जित किया है। भारतीय सेना, उग्रवाद-विरोधी, आतंकवाद-विरोधी अभियानों और पाकिस्तान द्वारा चलाए गए परोक्ष युद्ध में भी कृतज्ञ राष्ट्र की शाबाशी का पात्र बनी है।
सेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय सैन्य कर्मियों को शुभकामनायें दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘सेना दिवस के अवसर पर मेरी शुभकामनायें, विशेषकर हमारे शूरवीर सैनिकों, सम्मानीय पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों को। भारतीय सेना को उसकी वीरता और कर्तव्यपरायणता के लिये जाना जाता है। राष्ट्र की सुरक्षा में भारतीय सेना ने जो अमूल्य योगदान किया है, उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।
Best wishes on the occasion of Army Day, especially to our courageous soldiers, respected veterans and their families. The Indian Army is known for its bravery and professionalism. Words cannot do justice to the invaluable contribution of the Indian Army towards national safety. pic.twitter.com/UwvmbVD1hq
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2022
सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने भी सेना दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा।
General MM Naravane #COAS conveys felicitations and warm wishes to All Ranks of the #IndianArmy, Veterans and their Families on the occasion of 74th #ArmyDay. #IndianArmy#AmritMahotsav#InStrideWithTheFuture pic.twitter.com/y1b4NdXjt4
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) January 15, 2022
युद्ध की तपती आग में जन्मी भारतीय सेना का इतिहास, उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 1962 मंे हिमालय की पहाड़ियों पर उसे चीनियों के हाथों हार का अंधेरा देखना पड़ा, लेकिन जिसे बाद 1965 और फिर 1971 में बंगलादेश के निर्माण के रूप में और फिर 1999 में बहुत ही दिक्कतों से भरे दुर्गम युद्धक्षेत्र-कारगिल की शानदार विजयों से जग-मग कर दिया। कारगिल में भारतीय जवानों ने लगभग सीधी चढ़ाई वाली चोटियों पर मजबूती से जमी हुई पाकिस्तान सेना के पांव उखाड़ कर तिरंगा फहराया।
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