माताश्री मंगला ने कहा है कि हंस फाउंडेशन हमेशा से उत्तराखंड के हित में कार्य करता रहा है और हम प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाते है कि भविष्य में भी करता रहेगा। हम सब बहुत जल्द कोरोना वायरस महामारी से निकलकर एक खुशहाल प्रदेश के निर्माण के लिए आगे बढ़ेंगे।
देश के सबसे बड़े दानदाता संगठन हंस फाउंडेशन ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए उत्तराखंड सरकार को बड़ी वित्तीय मदद दी है। हंस फाउंडेशन की संरक्षक माताश्री मंगला जी और भोले जी महाराज ने बृहस्पतिवार को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर सीएम राहत कोष में 1.51 करोड़ रुपये की राशि का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माताश्री मंगला जी एवं भोले जी महाराज जी का आभार जताते हुए कहा कि संकट के इस समय में कई लोगों राज्य के साथ खड़े हैं। राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हंस फाउंडेशन द्वारा दिए गए इस योगदान के लिए हम माताश्री मंगला और भोले जी महाराज का आभार जताते हैं। सभी के सहयोग से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हम अवश्य जीतेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हंस फाउंडेशन देश के कई राज्यों को कोविड-19 से लड़ने के लिए सहयोग कर रहा है, फिर चाहे वह खाद्य सामग्री हो या स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं। हंस फाउंडेशन बड़े स्तर पर ऑपरेशन नमस्ते के माध्यम से लाखों लोगों तक मदद पहुंचा रहा है। हंस फाउंडेशन जैसी संस्था हमारे साथ खड़ी , यह हमारे लिए गर्व की बात है।
माताश्री मंगला जी और भोले जी महाराज के निर्देशन में ‘द हंस फाउंडेशन’ ने कोरोना वायरस के चलते फंसे नागरिकों की सहायता के लिए ‘ऑपरेशन नमस्ते’ शुरू किया है। इस अवसर पर माताश्री मंगला ने कहा कि हंस फाउंडेशन हमेशा से उत्तराखंड के हित में कार्य करता रहा है और हम प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाते है कि भविष्य में भी करता रहेगा। हम सब बहुत जल्द कोरोना वायरस महामारी से निकलकर एक खुशहाल प्रदेश के निर्माण के लिए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, आज कोविड-19 संक्रमण के चलते पूरा विश्व संकट में है। इस विकट परिस्थिति में हम सबकी कुशलता की कामना करते है। साथ ही हम देश-प्रदेश की जनता से अपील करते हैं कि कोविड-19 से बचाव का एक ही रास्ता है…एकता। इसके साथ हमें सरकार द्वारा बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करना है।
हंस फाउंडेशन देश भर में लॉकडाउन में फंसे परिवारों को सहयोग पहुंचा रहे है। उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और देश के तमाम दूसरे राज्यों में इस संकट से जूझ रहे लाखों परिवारों तक हंस फाउंडेशन खाद्य सामग्री पहुंचा रहा है।
सोशल डिस्टेंसिंग की मदद से पहुंचा रहा डिजिटल मदद
हंस फाउंडेशन का सबसे ज्यादा जोर इस बात पर है कि लॉकडाउन के दौरान सरकार के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाए। यही वजह है कि लोगों को मदद पहुंचाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह पालन किया जा रहा है। इसके लिए फाउंडेशन की ओर उत्तराखंडियों को ‘जो जहां हैं, वहीं रहें’ के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अगर लोग ऐसी जगह पर फंसे हैं, जहां से दुकानें दूर हैं या दुकानदार के पास ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था नहीं है तो प्रदेश के लोग अपने या किसी आस-पड़ोस के व्यक्ति के खाते में पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तराखंड के इलाकों में फाउंडेशन के लोग घर-घर जाकर राहत पहुंचा रहे हैं।
खास बात यह है कि फाउंडेशन अपनी तरफ से दी जा रही मदद के लिए उत्तराखंडियों से किसी तरह का सबूत नहीं माग रहा है। बस उन्हें सामान प्राप्त करने के बाद एक फोटो अपने पास रखनी है। हंस फाउंडेशन बस जरूरतमंदों की मदद करना चाहता है। उसका प्रयास है कि लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने से रोककर कोरोना फैलने के खतरे को कम किया जाए।
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