विश्व हरेला महोत्सव परिवार की ओर से हर साल 16 जुलाई को हरेला पर्व मनाया जाता है। यह पर्व सुख, समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में मनाया जा जाता है। देश और राज्य में पौधे रोपकर लोग यह पर्व मनाते है।
विश्व हरेला महोत्सव परिवार की ओर से हर साल 16 जुलाई को हरेला पर्व मनाया जाता है। यह पर्व सुख, समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में मनाया जा जाता है। देश और राज्य में पौधे रोपकर लोग यह पर्व मनाते है। आज इंद्रा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी दिल्ली में हरेला के जनक हरीश रौतला, प्रांत प्रचारक ब्रज, कुलपति नागेश्वर राव, उपकुलपति हजारिका, एवम निदेशक एस के यादव के साथ व्रक्षारोपण किया। उन्होंने सभी से निवेदन है हरेला दिवस पर एक पौधा अवश्य लगाए और उसके संरक्षण का संकल्प ले। सभी लोगों ने हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी।
पंत नगर विश्वविद्यालय में भी हरेला पर्व धूमधाम से मनाया गया। यहां पर हरेला पर्व का शुभारम्भ कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा सरोजनी भवन छात्रावास में अमरूद की गोल्डन प्रजाति की पौध रोपण के साथ किया गया। यहां पर हरेला पर्व एक सप्ताह तक मनाया जायेगा।
इस अवसर पर कुलपति ने उत्तराखंड में पुराने समय से हरेला पर्व के मनाये जाने की प्रथा और उसके महत्व के ऊपर प्रकाश डाला। उन्होंने वृक्षारोपण का पर्यावरण के संरक्षण एवं संतुलन को बनाए रखने तथा भू-स्खलन से बचाव में वृक्षों की महत्ता के बारे में बताया।
वृक्षों का हिन्दू धर्म में क्या महत्व है? इसके ऊपर भी प्रकाश डाला और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम चार वृक्षों के रोपण करने का उन्होंने आह्वान किया। उत्तराखंड वनों से आच्छादित राज्य हैं, फिर भी हरेला पर्व के दौरान उत्तराखंड के निवासियों द्वारा वृक्षों के रोपण की प्रथा एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि हरेला पर्व मनाने का उद्देश्य है कि पूरे देश में हरियाली हो। इस अवसर पर पर्यावरण विज्ञान की पीएच.डी. की द्वितीय वर्ष की छात्रा हेमा काण्डपाल ने हरेला पर्व किस प्रकार पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में मनाया जाता है और इसकी क्या महत्ता है तथा प्रचलित लोक गीत के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर डा. बृजेष सिंह अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा कुलपति का स्वागत किया गया तथा एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम के बारे में प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में निदेशक प्रसार शिक्षा एवं संचार डा. जे.पी. जायसवाल, सह-अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. बी.एन. शाही, सुरक्षाधिकारी डा. जी.एस. बोहरा, सह-निदेशक डा. भाष्कर तिवारी, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. स्नेहा दोहरे, सरोजनी भवन की वार्डन डा. रश्मि पंवार एवं गर्ल्स होस्टल की वार्डन एवं सहायक वार्डन तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
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