महिलाओं के हित में उत्तराखंड सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें से एक है पुरुषों के साथ भूमि और संपत्ति में भागेदारी। जी हां, इससे प्रदेश की 35 लाख से ज्यादा महिलाओं को फायद होगा। विस्तार से पढ़िए फैसले की बड़ी बातें…
चुनावी साल में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने आधी आबादी को बड़ा तोहफा दिया है। शादीशुदा महिलाएं अब पुरुषों के साथ भूमि और संपत्ति की सह खातेदार होंगी। मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी। महिलाओं को भूमि पर अब मालिकाना हक दिया गया है।
अच्छी और महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें भूमि पर कर्ज लेने के साथ ही उसे बेचने का अधिकार भी होगा। हालांकि यह अधिकार पैतृक संपत्ति पर ही मिलेगा। इसके लिए उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई है।
कल उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि अब पति की संपत्ति में महिलाएं भी सह-खातेदार होंगी। राजस्व रिकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में महिला का नाम दर्ज होगा, इससे जरूरत पड़ने पर उन्हें भी आसानी से लोन मिल सकेगा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2021
समझा जा रहा है कि इस फैसले से महिलाओं को अब स्वरोजगार और विभिन्न योजनाओं के लिए बैंकों से कर्ज उपलब्ध हो सकेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसका फायदा 35 लाख से ज्यादा महिलाओं को मिलने वाला है। पति की पैतृक संपत्ति की खतौनी में महिला का बतौर पत्नी सह खातेदार के तौर पर नाम दर्ज नहीं होगा। हालांकि अगर पत्नी तलाक लेकर किसी से दोबारा विवाह करती है तो उसे यह लाभ नहीं मिलेगा।
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महिलाओं को तलाक के बाद यह लाभ भी मिलेगा कि अगर पति उसके भरण-पोषण का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है तो पत्नी सह खातेदार के रूप में लाभ ले सकती है। वह संपत्ति को बांट कर यह लाभ ले सकती है।
अगर कोई पत्नी तलाक लेती है और निसंतान है या महिला का पति सात साल तक लापता रहता है तो पिता की संपत्ति पर वो सह खातेदार रहेगी।
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रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में बुधवार देर शाम तक बैठक में करीब दो दर्जन फैसले लिए गए। सरकार के फैसले में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि परिवारों में विवाद की नौबत न बढ़े। साथ ही पत्नी के साथ अविवाहित, विधवा और संतानहीन परित्यक्ता पुत्री को भी संपत्ति में अधिकार दिया जाए। महिलाओं को ये अधिकार देने के लिए संबंधित अधिनियम की धारा-130, धारा-तीन की उपधारा-30 और धारा-171 में संशोधन किए गए हैं।
बड़ी बातें जानिए
– सिर्फ पैतृक संपत्ति पर पत्नी सह खातेदार होगी
– पति की खरीदी संपत्ति पर उसके जीवित रहते पत्नी को अधिकार नहीं, इस पर सिर्फ पति की मृत्यु के बाद ही अधिकार होगा
– तलाक लेते ही पत्नी का यह अधिकार अपने आप खत्म हो जाएगा
– पत्नी की मृत्यु होने की स्थिति में पत्नी को मिला अधिकार पति का हो जाएगा
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